एफ-35लाइटनिंग

एफ-35 भी अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए बना स्टेल्थ पहला रडार की पकड़ से दूर फाइटर प्‍लेन है। हाल ही में प्लेन बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने ने अब तक की सबसे सस्ती कीमतों पर अमेरिकी सरकार के साथ इस फाइटर प्लेन का सौदा किया है। कीमतें कम होने के बाद भी एक फाइटर प्लेन 600 से 650 करोड़ रुपए के बीच मिलेगा। लॉकहीड मार्टिन एफ 35 लाइटिनिंग के लिए भारत को संभावित खरीदार के रूप में देख रहा है। हालांकि भारत रूस के साथ मिलकर अपने स्तर पर पांचवीं पीढ़ी का फाइटर प्‍लेन तैयार कर रहा है, जो एफ-35 की टक्कर का होगा।

यूरोफाइटर टाइफून

यूरोप की 3 बड़ी डिफेंस कंपनियों के सहयोग से तैयार हुआ यूरोफाइटर टायफून की कीमत करीब 650 करोड़ रुपए है। टायफून में स्टैल्थ फीचर नहीं है। ये रडार को धोखा देने में कामयाब रह सकता है। ये फाइटर 2011 में लीबिया संघर्ष में हिस्सा ले चुका है। भारतीय वायु सेना ने फाइटर प्लेन की तलाश में जिन विकल्प को आखिर में रखा है उसमें यूरोफाइटर भी शामिल है।

जेएएस39ग्रिफेन

जेएएस 39 ग्रिफेन एसएएबी के द्वारा डेवलप मल्टी रोल फाइटर प्लेन है। प्लेन 800 मीटर के छोटे रनवे से भी उड़ान भर सकता है। प्लेन 120 किलो मीटर की दूरी तक दुश्मन कर सकता है। फिलहाल कंपनी अपने प्लेन को भारतीय वायु सेना को ऑफर कर रही है। कंपनी अपने प्लेन के साथ फिलहाल एयरो इंडिया में शामिल है। फाइटर की कीमत करीब 450 करोड़ रुपए है।

एसयू30एमकेआई

350 से 400 करोड़ रुपए के बीच कीमत का सुखोई एसयू 30 एमकेआई भारतीय वायु सेना का अहम हिस्सा है। दो इंजन वाला ये फाइटर प्लेन तेज गति का प्‍लेन है। 2007 में एक एक्सरसाइज के दौरान प्लेन ने यूरोफाइटर को पीछे छोड़ दिया था। मल्टी रोल फाइटर एक बार में 10 एयर टू एयर मिसाइल ले जा सकता है। वहीं क्रूज मिसाइल और बम के साथ बॉम्बर की भूमिका भी निभा सकता है। द रिचेस्ट की लिस्ट में फाइटर प्लेन सातवें नंबर पर है।

F-22 रैप्टर

एफ-22 रैप्टर दुनिया का सबसे महंगा फाइटर प्लेन है। वेबसाइट द रिचेस्ट के मुताबिक इसकी कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए है। यह पांचवीं जेनरेशन का पहला फाइटर प्‍लेन है। रडार की पकड़ से बाहर ये प्लेन 180 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य पर हमला कर सकता है। महंगा होने की वजह से अमेरिकी सेना इस प्लेन का सीमित इस्तेमाल कर रही है।

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