'कॉपीमिस्म' यानि फाइल शेयरिंग धर्म को बहुत सारे लोग भले ही बेवकूफी वाली हरकत करार दें लेकिन 5 जनवरी 2011 को स्वीडन की सरकार इसे धर्म की मान्यता दे चुकी है। पाईरेटेड डेटा को दुनिया भर में बांटने वाली फेमस टोरेंट वेबसाइट 'द पाइरेट बे' की हेल्प से इस धर्म की नींव रखी गई है। Isak Gersonइस धर्म के आध्यात्मिक गुरु माने जाते हैं। 'कॉपीमिस्म' धर्म बेसिकली कॉपी और मी इन दो शब्दों को मिलाकर बना है। इस धर्म के मानने वालों को कॉपी पेस्ट या कॉपी पेस्ट इंटेलेक्चुअल कहा जाता है। धर्म से जुड़े लोग मानते हैं कि संचार या कम्युनिकेशन ही इस दुनिया में सबसे पवित्र काम है। तभी तो इस धर्म से जुड़ी एक मुख्य वेबसाइट पर धर्म से जुड़ा कोई भी सिंबल नहीं बना है, बल्कि 'कॉपीमिस्म' धर्म के लोगो को यहां दिखाया गया है जिस पर लिखे हैं दो कंप्यूटर कमांड Control+C और Control+V।

 

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आखिर कैसे बना ये धर्म

Kopimism धर्म को मानने वाले लोग जानकारियों और कंप्यूटर डाटा को कॉपी करने और एक दूसरे को बांटने को ही सबसे बड़ा पुण्य का काम मानते हैं। इन लोगों के लिए कॉपीराइट और Plagiarism जैसे शब्दों का कोई मतलब नहीं है। Kopimismको धर्म के रूप में मान्यता दिलाने के लिए इस के धार्मिक गुरु आइजैक ने साल भर में कई बार सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। सरकार का कहना था कि सिर्फ उसी को धर्म की मान्यता दी जा सकती है, जिस के अनुयाई प्रार्थना और ध्यान करते हों, जबकि Kopimism में यह दोनों ही चीजें नहीं है। धर्म से जुड़े लोग तो सिर्फ सूचना और कंप्यूटर डाटा को कॉपी करते हैं और बांटते हैं और लोग इसे ही अपनी प्रार्थना मानते हैं। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद स्पीडिश सरकार ने Kopimism के रूप में मान्यता दे दी है।

 

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Kopimism के अनुयाई कैसे करते हैं पूजा और प्रार्थना

इस धर्म को मानने वालों के शब्दों में उनकी प्रार्थना का नाम है Kopyacting। हम आप अपने अपने धर्म के अनुसार मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे जाते हैं लेकिन ये लोग तो कंप्यूटर Server या किसी वेब पेज पर मिलते हैं और वहां पर तमाम जानकारियों, डाटा को एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। आइज़क मानते हैं कि किसी भी जानकारी और डाटा को कॉपी कराने से इसकी वैल्यू बहुत बढ़ जाती है। डेटा कॉपी कराने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, क्योंकि आज के युग में लोगों के साथ डेटा शेयर करना सबसे बड़ा पुन्य है।

 

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Kopimism मानने वालों की शादी करवाता है कंप्यूटर

यह धार्मिक संगठन इंसानों को नहीं बल्कि जानकारियों और डेटा को सबसे ज्यादा महत्व देता है और जानकारियां फैलाना ही अपना धर्म मानता है। फिर भी साल 2012 में Kopimism धर्म को मानने वालों के बीच एक अनोखी शादी हुई थी। इस शादी में पंडित की भूमिका कोई इंसान नहीं बल्कि कंप्यूटर निभा रहा था। दुनिया के लिए इस अजीब से धर्म को लेकर नेशनल ज्योग्राफिक ने एक स्टोरी में लिखा था कि Kopimismदुनिया का सबसे नया धर्म है। वैसे इसे धर्म कहना भी जरा मुश्किल है लेकिन ऐसे लोग जो किसी भी धर्म से ना जुड़े हों वो लोग इसका हिस्सा बनते जा रहे हैं।

 

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इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से लेकर दुनिया के तमाम देशों में धर्म के प्रति लोगों का रुझान कम होता दिख रहा है, हालांकि दूसरी तरफ भारत जैसे तमाम ऐसे भी देश हैं जहां पर धर्म के प्रति लोगों का रुझान पहले से बहुत ज्यादा बढ़ गया है। खैर जो भी हो दुनिया का सबसे नया और अनोखा धर्म अपनी अलग ही राहों पर तमाम लोगों को लेकर चला जा रहा है। Source

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