स्मोकिंग करने से 90 फीसदी फैफड़े तथा श्वांस की बीमारी होती है। 80 से 90 प्रतिशत को मुंह के कैंसर का खतरा होता है।
तम्बाकू जनित पदार्थ के उपयोग से कैंसर का खतरा 30 फीसदी अधिक खतरा बढ़ जाता है।
तम्बाकू छोडने से 1 वर्ष में ही कैंसर की संभावना तीस प्रतिशत तक कम हो जाती है।
तम्बाकू से व्यक्ति खुद तो बीमार होता ही है साथ ही उसका परिवार भी प्रभावित होता है।
पैसिव स्मोकिंग से भी लोगों में कैंसर जनित बीमारियों की संभावना 60 प्रतिशत तक बढ जाती है।
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