-झारखंड वेलफेयर डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी ने की कार्यो की समीक्षा

-कोल्हान में कई योजनाएं लंबे समय से हैं पेंडिंग

-दिसंबर तक स्कॉलरशिप डिस्ट्रिब्यूट कर डाटा अपलोड करने का निर्देश

-850 करोड़ रुपए के बजट में से केवल 20 परसेंट ही हो सका खर्च

JAMSHEDPUR : झारखंड में असेम्बली इलेक्शन डिक्लियर होते ही पेंडिंग स्कीम्स पर खास तवज्जो दी जाने लगी है। सोमवार को झारखंड वेलफेयर सेक्रेटरी सुनील कुमार वर्णवाल ने योजनाओं की समीक्षा की। डीसी ऑफिस में आयोजित मीटिंग में कोल्हान के तीनों डिस्ट्रिक्ट में चल रहे स्कीम्स की समीक्षा के बाद यह बात सामने आई कि जमशेदपुर और चाईबासा की स्थिति सबसे खराब है। सुनील वर्णवाल ने कहा कि अधिकारियों से सभी योजनाओं की जानकारी ली गई और उन्हें जल्द से जल्द पेंडिंग योजनाओं को पूरा करने का निर्देश ि1दया गया।

स्कॉलरशिप डिस्ट्रिब्यूशन की स्थिित सबसे खराब

सिटी में जीएनएम स्कूल के अलावा हॉस्टल और हॉस्पिटल बनाए जाने थे, लेकिन ये योजनाएं अब तक पेंडिंग हैं। कोल्हान में स्कॉलरशिप डिस्ट्रिब्यूशन की स्थिति भी खराब है। वेलफेयर सेक्रेटरी ने कहा कि वैसे तो योजनाओं के लिए कोई खास टाइम फ्रेम नहीं फिक्स किया गया है, लेकिन दिसंबर तक कुछ योजनाओं को पूरा करने को कहा गया है। स्कॉलरशिप भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब स्कॉलरशिप की राशि अकाउंट में ट्रांसफर की जा रही हैं। इसे कंप्लीट कर डाटा अपलोड करने को कहा गया है। इसके अलावा पिछले साल की साइकिलों का भी अब तक वितरण नहीं हुआ है। इसे भी पूरा करने को कहा गया है।

राशि की समय पर नहीं होती निकासी

वेलफेयर सेक्रेटरी ने कहा कि कल्याण विभाग का बजट 8भ्0 करोड़ रुपए का है, लेकिन अब तक केवल ख्0 परसेंट राशि ही खर्च हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग को आवंटन तो किया जाता है, लेकिन राशि की समय पर निकासी नहीं होने के कारण स्कीम पूरी नहीं हो पा रही है। मौके पर आदिवासी कल्याण आयुक्त, डीसी, डीडीसी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।