- अब तक नहीं हो सका पूरे यमुना डूब क्षेत्र का निर्धारण

आगरा। एनजीटी के निर्देश के बावजूद अब तक पूरे यमुना डूब क्षेत्र का निर्धारण नहीं हो सका है, जिसके कारण एडीए कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा। इस पर कमिश्नर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि एनजीटी के निर्देशों का पालन शीघ्र ही किया जाए, जिससे एडीए आगे की कार्रवाई कर सके।

कुछ दिन बाद ही मिट जाएंगे निशान

एनजीटी में 28 जुलाई को सुनवाई से पहले एडीए उन सभी बिन्दुओं पर काम करना चाहता है, जिसके एनजीटी ने निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग ने यमुना डूब क्षेत्र में पहले सर्वे के बाद जो निशान लगाए हैं, उनका भी कोई मतलब नहीं दिखता। निशान कहीं जमीन पर पड़े पत्थर, तो किसी दीवार पर लगा दिए गए हैं। कुछ दिनों बाद ही यह निशान मिट जाएंगे। कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए हैं कि एनजीटी के आदेशों के मुताबिक यमुना डूब क्षेत्र में खंभे लगाए जाएं।

आदेशों का नहीं पालन

एनजीटी ने आदेश दिए थे कि यमुना डूब क्षेत्र के निर्धारण के वक्त खम्भे लगाए जाएं, जबकि ऐसा नहीं किया जा रहा है। सिंचाई विभाग किसी स्तर पर एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए नहीं दिखाई दे रहा है। यह भी आरोप है कि पहले चरण में यमुना डूब क्षेत्र के निर्धारण के वक्त सिंचाई विभाग द्वारा जल निगम को साथ नहीं रखा गया है।

18 बिल्डिंग्स को दी क्लीन चिट

यमुना डूब क्षेत्र की अब तक रिपोर्ट ना दिए जाने पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की। सिंचाई विभाग ने 10 जुलाई तक रिपोर्ट दिए जाने की बात कही है। एनजीटी में याचिकाकर्ता डीके जोशी ने 18 बहुमंजिला इमारतों को यमुना डूब क्षेत्र में बताया था। एनजीटी के आदेश पर पहले चरण में निर्धारित किए यमुना डूब क्षेत्र से ये सभी बिल्िडग बाहर बताई गई हैं।