बाबा रामदेव के योग प्रशिक्षक ने छोड़ी दुनिया

- रस्सी से फंदा बनाकर फांसी पर झूला, छोड़ा सुसाइड लेटर

- सुसाइड का कारण स्पष्ट नहीं, पुलिस ने शुरू की जांच

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KAUSHAMBI ( 3 April, JNN): योग से निरोग रहने और तनाव मुक्त जिंदगी जीने का दूसरों को प्रशिक्षण देने वाले योग प्रशिक्षक की जिंदगी में यह फलसफा काम न आ सका। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि योग समिति के जिला प्रचारक कुलदीप खरे ने रविवार को तनाव में आकर सुसाइड कर लिया। इससे यहां हड़कंप मच गया। कुलदीप ने आत्महत्या के बाद सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें अपनी मर्जी से मौत को गले लगाने की बात कहते हुए किसी को परेशान न किए जाने की अपील की है। कुलदीप का परिवार जबलपुर में रह रहा है। वह अपने परिवार से अलग रह रहे थे। पुलिस ने उनके परिजनों को घटना की खबर दे दी है।

मंगरोहनी गांव की है घटना

सदर कोतवाली के मंगरोहनी गांव निवासी निवासी कुलदीप खरे (55) पुत्र अवधेश चंद्र खरे पतंजलि योग समिति के जिला प्रचारक के तौर पर योग का प्रशिक्षण देते थे। उनका परिवार जबलपुर मध्यप्रदेश में रहता है। कुलदीप पांच साल पहले बाबा रामदेव की पतंजलि योग समित के सदस्य बने। वह मगरोहनी गांव में अकेले ही रह रहे थे। उन पर समिति के प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रचारक की जिम्मेदारी थी। वह पड़ोस में रहने वाले अपने चाचा रमेश चंद्र खरे के यहां खाना खाया करते थे। रविवार की सुबह रमेश खरे का बेटा रोहित उन्हें बुलाने पहुंचा तो घर का दरवाजा खुला था। आवाज देने के बाद भी दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई तो वह अंदर चला गया। रोहित ने देखा कि कुलदीप का शव नायलान की रस्सी के सहारे फांसी से लटक रहा था।

सुसाइड नोट मिला

यह देखते ही उसके होश उड़ गए। आनन फानन इस बात की जानकारी उसने परिजनों को दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण व परिवार के लोग दौड़ कर मौके पर पहुंचे और पुलिस को खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा गया है कि 'मैं कुलदीप खरे अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार परिवार का कोई सदस्य नहीं है। मेरी मौत के बाद किसी को फंसाया नहीं जाए।