-परिवहन निगम का अजब हाल, जहां के परिवहन मंत्री वहां की 'वॉल्वो'

-खजाने को लाखों चपत तो मंजूर लेकिन मंत्रीजी की खुशामद जरूरी

LUCKNOW: मुसाफिर मिलें या न मिलें, खजाने को चपत भी लगे तो चलेगा, बस मंत्रीजी को खुश रहना चाहिए, जी हां, परिवहन निगम की वॉल्वो बस सर्विस का हाल यूपी में कुछ ऐसा ही है। प्रदेशवासियों के सफर को सुहाना बनाने के लिए चलीं वॉल्वो सेवा फिलहाल तो ऐसा लगता है कि मंत्री स्पेशल सेवा बन गई है। इसका अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि परिवहन विभाग के मंत्री बदलते ही वॉल्वो सेवा की 'मंजिल' भी बदल जाती है। जिस जिले के मंत्रीजी तो वहीं की हो जाती है वॉल्वो। पहले दुर्गाप्रसाद यादव फिर यासर शाह, अब गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिवहन मंत्री बनते ही उनके गृह नगर से वॉल्वो चलाने की तैयारी शुारू हो गई है.ये बात दीगर है कि मंत्रीजी को खुश करने के लिए अब तक जिन रूटों पर वॉल्वो शुरू की गई, वह जबरदस्त घाटे में रही हैं।

चार साल में तीन परिवहन मंत्री

पिछले चार वर्षो में गायत्री प्रसाद प्रजापति तीसरे परिवहन मंत्री हैं। इनके परिवहन मंत्री बनते ही रोडवेज ने उनके गृह क्षेत्र अमेठी तक वॉल्वो दौड़ाने की तैयारी कर ली है। परिवहन निगम के एमडी खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। अमेठी और लखनऊ के मध्य होने चलने वाली वॉल्वो सेवा के लिए रूट, किराया और टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी वॉल्वो सेवा के एआरएम लखनऊ को दी है। सोमवार को बस संचालन के संबंध में परिवहन निगम मुख्यालय पत्र भेजा गया है। जहां से संचालन की तारीख की घोषणा की जानी है।

वॉल्वो में बैठकर आए थे परिवहन मंत्री

रोडवेज बेड़े में शामिल वॉल्वो बस लग्जरी सेवा है। सभी परिवहन मंत्रियों की यह पहली पसंद रही है। इसी के चलते मौजूदा सपा सरकार के सबसे पहले परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव के आने पर वॉल्वो सेवा आजमगढ़ के लिए शुरू हुई। इस रूट पर वॉल्वों की सेवा की संख्या दस तक कर दी गई थी। लेकिन बाद में रेस्पांस ना मिलने पर सात का संचालन किया जा रहा था। 2015 में दूसरे परिवहन मंत्री यासर शाह बने। मंत्री ने तब अपने गृह जनपद बहराइच के लिए वॉल्वो सेवा की शुरुआत की। वॉल्वों में सफर कर वह खुद बहराइच से राजधानी के कैसरबाग आए थे। उस समय बहराइच के लिए पांच बसों का संचालन शुरू हुआ। तीसरे परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के गृह क्षेत्र में वॉल्वो बस दौड़ाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए वॉल्वो के संचालन के आदेश दिए हैं।

मंत्री हटते ही सर्विस पर कैंची

आजमगढ़ रूट पर अब एक ही वॉल्वों का संचालन किया जा रहा है। दुर्गाप्रसाद यादव के परिवहन मंत्री पद से हटते ही यहां से वॉल्वो कम कर एक कर दी गई। बात दें कि पहले इस रूट पर दस बसें चल रहीं थीं। यासर शाह के क्षेत्र बहराइच जाने वाली पांच वॉल्वो की संख्या भी उनके हटते ही एक रह गई। वहीं, अब लखनऊ से अमेठी के लिए दो वॉल्वो चलाने की तैयारी है।

बाक्स

परिवहन मंत्री के जिन-जिन रूटों पर वॉल्वो सेवा चल रही है, उन पर लगातार परिवहन निगम को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों को खुश करने के फेर में चलाई गई वॉल्वो बसें अपने हर ट्रिप में कम से कम 20 हजार रुपये तक घाटा उठा रही हैं।

कहां कहां के लिए चल रही है वॉल्वो

लखनऊ से इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, दिल्ली, आगरा और बलिया के लिए बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें इलाहाबाद जाने वाली वॉल्वो की डिमांड अधिक है। परिवहन निगम के लिए यह रूट फायदे का सौदा साबित हो रहा है।

लखनऊ से संचालित वॉल्वो

कुल-30

स्कैनिया- 3

एसी बसें-11

अमेठी रूट पर जल्द ही वॉल्वो सेवा शुरू की जाएगी। इस रूट पर यात्रियों की डिमांड आ रही है।

मृत्युजंय कुमार नारायण

एमडी, परिवहन निगम

अमेठी से सिर्फ लखनऊ से बस का संचालन नहीं होगा, बल्कि अमेठी से एक बस दिल्ली के लिए चलाई जाएगी। लखनऊ से अमेठी जाने वाली बस वाराणसी तक चलेगी।

एके सिंह, आरएम, लखनऊ परिक्षेत्र