- सिटी की महिला बॉक्सरों में मायूसी

- कहा मैरी दी को देखना चाहते थे कॉमनवेल्थ गेम्स में

Meerut: कॉमनवेल्थ गेम्स टीम से ओलंपिक पदक विजेता मैरीकॉम का पत्ता साफ हो गया है। पटियाला में हुए ट्रायल बाउट में उन्हें पिंकी जांगड़ा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। मैरीकॉम के कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं खेलने से सिटी की महिला बॉक्सरों में मायूसी है। ऐसी मायूसी जिससे इन बॉक्सरों के हौसले कहीं न कहीं पस्त हुए हैं।

मायूसी भरी हार

लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद देश की युवा महिला बॉक्सरों में एक जुनून पैदा हुआ था। उनके सामने मैरीकॉम जैसा बनने का सपना सजा था। ओलंपिक के बाद से मैरीकॉम ने किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया, जिसके बाद मैरी से कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने की और वहां मेडल जीतने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन अब इस उम्मीद को करारा झटका लग गया है। ट्रायल में पिंकी से मिली हार की मायूसी सिर्फ मैरीकॉम को ही नहीं बल्कि रोज कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में पसीना बहा रही युवा महिला बॉक्सरों को भी है।

अब कौन दिलाए मेडल

महिला बॉक्सरों के दिमाग में अब ये सवाल भी है कि अब मैरीकॉम दी की जगह कौन देश को महिला बॉक्सिंग में मेडल दिलाने की जिम्मेदारी थामेगा। इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में मैरीकॉम को हराने वाली पिंकी भ्क् किग्रा में, सरिता देवी म्0 किग्रा में और पूजा रानी 7भ् किग्रा में भाग लेंगी।

मैंने मैरीकॉम दी को ही देखकर बॉक्सिंग शुरू की थी, कॉमनवेल्थ खेलों में उन्हें मेडल जीतकर देखना चाहती थी, लेकिन अब बहुत मायूसी हो रही है कि वो यहां नहीं खेलेंगी।

-संगीता

मैरीकॉम दी से कॉमनवेल्थ खेलों में बहुत उम्मीद थी, लेकिन सही प्रैक्टिस नहीं होने की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जो दुखद है।

-अनुराधा

ओलंपिक में कांस्य जीतना आसान नहीं है। कॉमनवेल्थ में मैरीकॉम दी से गोल्ड जीतने की उम्मीद थी, लेकिन अब वो इन खेलों का हिस्सा नहीं हो पाएंगी, बहुत दुख है।

-अनु

कॉमनवेल्थ खेलों में मैरीकॉम दी नहीं होंगी ये कभी नहीं सोचा था। बहुत दुख है कि वो इन खेलों का हिस्सा नहीं होंगी।

-खुशबू

लड़कियां बहुत दुखी हैं। मैरीकॉम उनके लिए एक मेंटर है। अब जब मैरी कॉमनवेल्थ का हिस्सा नहीं हो पाएंगी, तो उनमें मायूसी छा गई है।