-आईआईटी के दीक्षांत समारोह में 1247 छात्रों को मिली डिग्री

-आईआईटी में उन्नत जैन को डायरेक्टर गोल्ड मेडल मिला

-इंस्टीट्यूट में फ‌र्स्ट टाइम स्टूडेंट्स को पीएचडी प्रदान की गई

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KANPUR : आईआईटी के 49वें दीक्षांत समारोह में हर स्टूडेंट्स को उसकी सालों की मेहनत का फल दिया गया। इस समारोह में देश के अनेक रत्नों में से एक सीएनआर राव की मौजूदगी ने चार चांद लगा दिए। उन्होंने कहा कि यंग आईआईटियंस देश को बदल सकते हैं, उनके अंदर पूरी क्षमता है। अब विदेश जाने का ट्रेंड कम हुआ है। आगे छात्रों से अपने एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए कहा कि आईआईटी में जीवन के 15 साल गुजारे हैं वह काफी यादगार समय था। टाइप थ्री में सबसे पहले मुझे आवास अलॉट किया गया था। उस टाइम इंस्टीट्यूट वीरान जंगल में था। इयर 1976 में आईआईटी छोड़कर चले गए थे। समारोह में उन्नत जैन को चीफ गेस्ट वफैलो यूनिवर्सिटी प्रेसीडेंट एसके त्रिपाठी ने डायरेक्टर गोल्ड मेडल व डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह में 1247 मेरीटोरियस को डिग्री प्रदान की गई।

मैंने सारी रिसर्च देश में ही की

प्रोफेसर राव ने बताया कि आईआईटी कानपुर में सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस, मैटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग व मॉर्डन केमेस्ट्री पर काम शुरू हुआ था। मैं बर्कले गया हावर्ड गया लेकिन जो माहौल व छात्र आईआईटी कानपुर में मिला वह कहीं नहीं मिला। स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए कहा कि मैंने इंडिया के अंदर ही सारी रिसर्च की है। जिंदगी के 65 साल रिसर्च की फील्ड में गुजार दिए। आईआईटी इंडियन एमआईटी बन जाए। डायरेक्टर प्रो। इन्द्र नील मान्ना ने प्रो। राव को मानद उपाधि तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रदान की।

मेडल डिग्री पाकर जश्न मनाया

डायरेक्टर गोल्ड मेडल उन्नत जैन को, रूबिया हसन को कंडेंस गोल्ड मेडल, डॉ। शंकर दयाल शर्मा मेडल को रामकृष्ण राजा, रतनस्वरूप मेमोरियल मेडल अनुग्रह सहाय को दिया गया। मेडल व डिग्री पाकर स्टूडेंट्स ने जमकर जश्न मनाया और एक दूसरे को बधाई दी। डायरेक्टर प्रो। इन्द्रनील मान्ना ने संस्थान की डेवलपमेंट रिपोर्ट पेश कर चीफ गेस्ट प्रो। एसके त्रिपाठी का इंट्रोडक्शन दिया। आईआईटी बीओजी चेयरमैन मारुति सुजुकी चेयरमैन आरसी भार्गव ने प्रो। सीएनआर राव का इंट्रोडक्शन दिया। इस मौके पर डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर प्रो। नीरज मिश्रा, प्रो। कृपा शंकर, प्रो। राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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अब इंडिया में वापसी नहीं आना

पटना मुबारकपुर अम्बेडकर नगर यूपी के रहने वाले प्रो। सतीश कुमार त्रिपाठी इस टाइम वफैलो यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट हैं। आई नेक्स्ट से बात करते हुए प्रो। त्रिपाठी ने बताया कि इयर 1972 में वह अमेरिका चले गए थे। इयर 1990 में वीडियो क्लिप मोबाइल ट्रांसफर पर रिसर्च किया था। पैंक्रियाज कैंसर में डाटा का अहम रोल निभा रहा है। इसके अलावा डाटा साइंस की फील्ड में बहुत कुछ किया जा रहा है। अब अमेरिका से इंडिया वापस नहीं आना है, सभी बच्चे वहीं स्टेब्लिश हो गए हैं।

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फरवरी 17 से गुजरात प्लांट में प्रोडक्शन

आईआईटी कानपुर बीओजी चेयरमैन व मारुति सुजुकी चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया कि सुजुकी गुजरात में जो प्लांट लगा रही है। उस प्लांट में प्रोडक्शन फरवरी 2017 से शुरू हो जाएगा। मारुति हर साल दो से तीन नए मॉडल बाजार में पेश कर रही है। एक सवाल के जवाब में कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटी के नक्शे कदम पर इंडियन शैक्षणिक संस्थानों को आने में अभी वक्त लगेगा। स्टूडेंट्स को भी अपनी सोच बदलनी होगी। विदेश में जाने को जो दौर आईआईटियंस का शुरू हुआ था वह अब थमने लगा है। यह देश के लिए शुभ संकेत है।

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चलो थोड़ी झपकी मार लेते हैं

दीक्षांत समारोह में जिस टाइम डायरेक्टर रिपोर्ट पेश कर रहे थे उस टाइम हाल में बैठे स्टूडेंट्स व अन्य गेस्ट झपकी ले रहे थे। जब कभी तालियां बजती तो उनकी नींद खुल जाती। अगर मीडिया के फोटोग्राफर ने कैमरे की फ्लैश चलाई तो बाजू में बैठे साथी ने नींद से जगाया। ऐसा ही कुछ नजारा चीफ गेस्ट प्रो। एसके त्रिपाठी की स्पीच में भी रहा।

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दीक्षांत समारोह का चार्ट

पीएचडी 119 छात्र 32 छात्राएं

एमटेक 643 छात्र 121 छात्राएं

एमबीए 29 छात्र 5 छात्राएं

एमडेस 27 छात्र 10 छात्राएं

एमएस 65 छात्र 11 छात्राएं

वीएलएफएम 35 छात्र 4 छात्राएं

एमएससी 2 103 छात्र 22 छात्राएं

एमएससी 5 21 छात्र