आईएस के भारत में एक्टिव होने से यूथ की सोशल साइट्स पर रखी जा रही है नजर

वेस्ट यूपी में रखी जा रही है खास नजर

आई स्पेशल

सुंदर सिंह

Meerut स्वाधीनता दिवस को लेकर खुफिया तंत्र ने सोशल साइट्स पर निगरानी बढ़ा दी है। खुफिया एजेंसियां और गृह मंत्रालय आतंकी संगठनों की गतिविधि पर हर पल नजर बनाए है.आशंका है कि आतंकी संगठन आईएस की निगाहें वेस्ट यूपी को निशाना बनाने की है। गौरतलब है कि 16 नवंबर 2015 को जासूस इजाज का मेरठ से गिरफ्तार होना इसका प्रमाण है। देश की खुफिया एजेंसी ने सभी प्रदेशों की लोकल खुफिया एजेंसियों को यूथ की सोशल साइट्स पर नजर रखने को कहा है।

सोशल साइट्स पर नजर

सूत्रों की मानें तो जिले ही नहीं बल्कि वेस्ट यूपी के यूथ के सोशल नेटवर्किंग साइट्स खुफिया एजेंसियों के रडार पर है। यूथ के साइट्स पर किस तरह कंटेंट ट्रांसफर हो रहा है। किन लोगों से किस तरह की बातचीत हो रही है। किन पेजों और साइट्स को लाइक दे रहा है। ऐसी तमाम बातों पर नजर रखी जा रही है। गौरतलब है कि आतंकी संगठन आईएस सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए दुनियाभर के लोगों से संपर्क बनाने में जुटा है.वहीं यू-ट्यूब के वीडियो पर भी नजर रखी जा रही है।

यूथ को टारगेट

खुफिया एजेंसिया के रडार पर सबसे अधिक यूथ की सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, जी-मेल, याहू और बाकी साइट्स हैं। आईएस जैसे आतंकी संगठन सबसे अधिक यूथ को टारगेट करते हैं। खासकर सिविल एवं सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, प्रोफेसर्स, टीचर्स आदि की सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हिट किया जाता है। ताकि थोड़ा सा संपर्क होने के बाद उनसे सीधा संवाद कर आईएस ज्वाइन कराया जा सके।

वेस्ट यूपी पर नजर

वेस्ट यूपी के छह बड़े जिलों की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी में 45 लाख के करीब यूथ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक्टिव है। वहीं मेरठ की बात करें तो 34 लाख की आबादी वाले इस जिले में 7 लाख यूथ फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल साइट्स पर एक्टिव है।

बाहरी स्टूडेंट्स पर भी नजर

अरब और आसपास के कई देशों के स्टूडेंट्स मेरठ के प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। खुफिया एजेंसी ऐसे स्टूडेंट्स की सोशल साइट्स पर काफी करीब से नजर रखे हुए है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि बाहर से आए खासकर अरब देशों और के स्टूडेंट्स पर भी नजर रखने को कहा गया है। क्योंकि आईएस जैसे आतंकी संगठन ऐसे स्टूडेंट्स को अपना हथियार बनाने में नहीं चूकते हैं।

पहले भी जुड़े हैं आतंकियों से तार

वेस्ट यूपी पहले भी आतंकवादियों की शरणस्थली रहा है। कई साल पहले अब्दुल करीम टुंडा तीन पाक आतंकवादियों के साथ बुलंदशहर आया था। 2008 में दिल्ली ब्लास्ट में शामिल रहे 13 आतंकवादियों में बुलंदशहर का शकील भी था। 2008 तक उसका नाम वोटर लिस्ट में भी था। छह माह पहले सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान में बैठे आकाओं को देने के आरोप में मेरठ से एक शख्स को अरेस्ट किया गया।

फर्जी एक्सचेंज भी मिला था

16 जनवरी 2015 को गंगानगर में एक ऐसा सेटअप मिला, जहां फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चल रहा था। इसका खुलासा बीएसएनएल के दिल्ली के अधिकारियों ने किया था। इस एक्सचेंज से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अरब कंट्रीज में फोन कॉल किए जा रहे थे। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो फरार हो चुके थे।

वर्जन

15 अगस्त को लेकर सोशल साइट्स पर नजर पैनी कर दी गई है। हर संदिग्ध पोस्ट को बारीकी से चेक किया जा रहा है।

कर्मवीर सिंह, प्रभारी साइबर सेल

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साइबर सेल के अनुसार

-एक साल में कुल कार्रवाई, 60

- एकाउंट हैक करने पर कार्रवाई, 20

- विवादित टिप्पणी करने पर कार्रवाई, 10

- अन्य कार्रवाई, 30

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साइबर सेल की नजर सोशल मीडिया की हर छोटी बड़ी गतिविधि पर है। स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया है।

लक्ष्मी सिंह डीआईजी मेरठ रेंज