बैंक एकाउंट होल्डर्स के लिए खास खबर है। अब किसी भी सरकारी, प्राइवेट और फॉरेन बैंक में जीरो बैलेंस पर एकाउंट खुलवाया जा सकता है। एकाउंट खुलवाने वाले कस्टमर को फ्री एटीएम और चेकबुक भी मिलेगी। जिन लोगों का एकाउंट पहले से ही बैंक में है, वो अपना एकाउंट बंद करवाकर 30 दिनों बाद नया एकाउंट ओपन करवा सकते हैं। हालांकि, आरबीआई के इस निर्देशों का पालन बैंक्स करेंगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। क्योंकि बीपीएल और स्टूडेंट्स के लिए भी एकाउंट्स जीरो बैलेंस पर खोलने के निर्देश हैं, उन्हीं की कंप्लायंस नहीं हो पा रही है।

आरबीआई की गाइडलाइंस  

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी सरकारी, प्राइवेट और फॉरेन बैंक्स के लिए ये स्पेशल गाइडलाइंस इश्यू की हैं। आरबीआई की बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट पॉलिसी के तहत इन आदेशों से सभी बैंक्स को अवेयर करा दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को सेविंग के लिए प्रोत्साहित किया जाना है। आरबीआई ने खास तौर से बैंकों से अपील की है कि वो एकाउंट खोलने में कस्टमर की एज या इनकम ब्रैकट में रिआयत बरतें। जिससे मैक्जिमम नंबर्स में लोग बैंकों में सेविंग एकाउंट खुलवाएं।

42 लाख एकाउंट होल्डर्स

सिटी में 46 बैंक्स की लगभग 450 से ज्यादा ब्रांचेज हैं। यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन के आंकड़ों के हिसाब से इन सभी सरकारी, प्राइवेट और फॉरेन बैंक में करीब 42 लाख सेविंग एकाउंट्स हैं। जिनमें से 15.25 लाख कस्टमर्स को एटीएम-डेबिट कार्ड इश्यू किया गया है। इनमें एसबीआई और पीएनबी के एकाउंट होल्डर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। मगर, एक समस्या सभी बैंक्स में है। वो ये कि सेविंग एकाउंट में उन्हें कुछ न कुछ एमाउंट रखना ही पड़ता है। वरना एवरेज क्वाटर्ली बैलेंस या खाते में एक भी पैसा नहीं रखने पर चार्जेज काट लिये जाते हैं।

हर बैंक का अलग-अलग चार्ज

बैंक सरकारी हो या प्राइवेट। हर एक बैंक का अपना अलग एवरेज क्वाटर्ली बैलेंस होता है, जिसे मेंटेन न करने पर चार्जेज काट लिये जाते हैं। इस मामले में स्टैंडर्ड चार्टेर्ड बैंक सबसे आगे है। यहां सेविंग एकाउंट होल्डर्स को 50 हजार रूपए मिनिमम बैलेंस रखना पड़ता है। यहां के एकाउंट होल्डर एसके शुक्ला के मुताबिक बैंक की इस पॉलिसी की जानकारी पर उन्हें हैरानी हुई थी। मगर, बैंक की बेहतर सुविधाओं के मद्देनजर उन्होंने एकाउंट बंद नहीं किया। मगर, बैलेंस मेंटेन न होने पर बैंक चार्जेज भी उसी हिसाब से डिडक्ट कर लेता है।

एटीएम-चेकबुक अलग से

जीरो बैलेंस एकाउंट खुलवाने वालों को क्वाटर्ली बैलेंस मेंटेन करने में निजात मिलेगी। एकाउंट ओपन करवाने वाले को एटीएम कार्ड और चेकबुक दोनों ही इश्यू की जाएंगी, वो भी फ्री ऑफ कॉस्ट। खास बात यह कि चेकबुक और एटीएम दोनों के लिए ही पैसा चार्ज नहीं किया जाएगा। यह सुविधा सिर्फ नए एकाउंट होल्डर्स के लिए ही एप्लीकेबल है। अगर मौजूदा एकाउंट होल्डर को एकाउंट खुलवाना है तो उन्हें अपना एकाउंट क्लोज करवाना होगा। फिर 30 दिनों बाद वो इस जीरो बैलेंस एकाउंट के लिए एलिजिबल हो सकेंगे।

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बैंक              मिनिमम बैलेंस   पेनाल्टी

स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक   50,000            1500

एचडीएससी बैंक     10,000            2,000

आईसीआईसीआई    10,000            750

एक्सिस बैंक          10,000            750

एसबीआई             500               300

बैंक ऑफ बड़ौदा    1,000              100  

पीएनबी               1,000              300

(नोट : मिनिमम बैलेंस और पेनाल्टी की रकम रूपए में तीन महीनों के हिसाब से.)

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क्या कहते हैं बैंक रिप्रेजेंटेटिव्स

यूपी बैंक इम्प्लॉईज एसोसिएशन के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल सोनकर ने बताया कि अभी तक जीरो बैलेंस का एकाउंट स्टूडेंट या बीपीएल कार्ड होल्डर्स के लिए ही खोले जाने का प्रावधान है। लेकिन ये एकाउंट खुलवाने के लिए दो-दो आईडी प्रूफ मांगे जाते हैं। आईडी प्रूफ नहीं होने की कंडीशन में एकाउंट खोले नहीं जाते। लिहाजा, पब्लिक को वापस लौटना पड़ता है। वैसे भी एकाउंट मेंटेन करने में बैंक की भी लागत आती है। इसलिए आरबीआई की इन गाइडलाइंस को प्रैक्टिकल ग्राउंड पर कम्प्लॉयंस टफ टास्क है।

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"इस आदेश से सभी को जितने पैसों की जरूरत होगी वो बैंक से निकाल सकते हैं और मिनिमम पैसे से एकाउंट खोल सकते हैं। "

- आरिफ रजा

"यह बहुत अच्छा इनीशिएटिव है आरबीआई का। स्टूडेंट्स और मिडिल क्लास फैमिली इससे रिलैक्स फील करेगा."

- शुभम सिंह