तमिलनाडु में रामेश्वरम तट के पास प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना में वैकल्पिक जहाज मार्ग के सर्वेक्षण के लिए लगाए गए उपकरण 14 महीने के सर्वे कार्य के बाद वापस तट पर पहुंच गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि सर्वे का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है.

अधिकारियों ने बताया कि अब इस सर्वे से प्राप्त आंकड़ों को व्यस्थित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा तथा अंतिम रिपोर्ट जहाजरानी मंत्रालय में उच्चाधिकारियों को सौंपी जायेगी. इस परियोजना के तहत जलयानों को रामसेतु आरपार आने जाने का एक रास्ता बनाया जाना है पर उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद काम रोक दिया गया था.

रिजर्व बैंक ने परियोजना के बारे में अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए पर्यावरणविद् आर.के. पचौरी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी. न्यायालय का यह कदम इस आधार पर उठाया गया था कि सेतुसमुद्रम परियोजना के प्रस्तुत मौजूदा स्वरुप से भगवान राम के समय बनाये गये ‘राम सेतु’ को नुकसान हो सकता है.

उधर तमिलनाडु सरकार का दावा है कि सेतुसमुद्रम चैनल की मूल परियोजना के एक हिस्से पर भारी लागत के साथ कुछ काम पूरा हो चुका है. यह मामला अभी भी उच्चतम न्यायालय में लंबित है. इस परियोजना के जरिये भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरू मध्य और मन्नार की खाड़ी के बीच बड़े समुद्री जहाजों के लिए एक रास्ता खुल जाएगा.

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