आपको यह जानकर हैरान नहीं होना चाहिए कि इस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ने वाले देशों में इंडिया भी एक है. उसके साथ यदि कोई कदम मिला रहा है तो वह है चीन.

इंडिया और चीन तेजी के साथ आईटी पॉवर के रूप में उभर रहे हैं और दोनों देश आने वाले 10 वर्षो में इस सेक्टर में और अधिक वृद्धि दर्ज करा सकते हैं.'फोर्ब्स' ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा हाल ही में जारी की गई एक 'ग्लोबल इंफोर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी रिपोर्ट' के हवाले से कहा है कि वैसे इन उभर रहे मार्केट व डेवलप कंट्री के बीच बड़ा फासला अभी भी बरकरार है, लेकिन यह दूरी अगले दशक में काफी कम हो जाएगी.

मोबाइल फोन, इंटरनेट, पर्सनल कंप्यूटर और अन्य गैजेट्स के  इस्तेमाल के आधार पर तैयार किए गए 138 देशों में से चीन का स्थान 36वां और भारत का स्थान 48वां है.

एशियाई देशों में सिंगापुर दूसरे स्थान पर जबकि ताइवान छठे स्थान पर, कोरिया 10वें स्थान पर और हांगकांग 12वें स्थान पर है.

फोर्ब्स ने डॉव जोंस वेंचर सोर्स के हवाले से कहा है कि पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर नई एवं उभर रही कम्पनियों में हुए 37.7 अरब डॉलर के शुरुआती पूंजी निवेश का 13 प्रतिशत हिस्सा भारत और चीन का था.

ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले दस सालों में इंफोर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी के सेक्टर में हम कहां जा रहे हैं. शायद यही रिजन है कि स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का रूझान इस ओर बढ़ा है क्योंकि जॉब के  ऑप्शन सबसे अधिक इसी सेक्टर में उभर कर सामने आ रहे हैं.

Business News inextlive from Business News Desk