बैडमिंटन में नया ड्रेस कोड अब एक मई के बजाय एक जून से लागू होगा. विरोध के बीच बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने थर्सडे को स्कर्ट पहनने का नियम लागू करने की अवधि एक महीना आगे बढ़ाने का फैसला किया.

बैडमिंटन को ग्लैमरस बनाने की कवायद में फेडरेशन ने एक मई से सभी महिला खिलाड़ियों को ग्रां प्री और अन्य टूर्नामेंटों में कोर्ट पर स्कर्ट पहनकर उतरने का फरमान जारी किया था. इसे लेकर पूरी दुनिया की वूमेन शटलरों में गहमागहमी थी.

सिर्फ स्कर्ट ही पहनने के नए नियम से इंडियन की तरह चीनी शटलर भी परेशान थीं. उनका कहना था कि स्कर्ट पहनने की पाबंदी से उनके खेलने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. उधर, वूमेन कमीशन ने प्लेयर्स के स्कर्ट पहनने को कंपलशरी किए जाने को 'गलत'  करार दिया है. कमीशन ने कहा है कि खेल को आकर्षक बनाने के लिए किसी विशेष ड्रेस को लागू करना गलत है. खेल को खेल की तरह देख जाना चाहिए.

वैसे ताज्जुब की बात है कि कमीशन बैडमिंटन में स्कर्ट को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ जिन तर्कों को पेश कर रहा है वो आईपीएल में अर्से से धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं. चियरगर्ल्स पर कई बार विवाद उठने के बाद भी कमीशन ने कभी इस पर आपत्ति नहीं जताई जबकि सभी जानते हैं कि उनका इस्तेमाल खेल को ग्लैमरस बनाने के लिए ही किया जाता है.