शहर के तीन रईसजादों की संतानें हुंडई गेट्ज कार नंबर बीआर 1एजी 8178 में सवार होकर मौज को निकले। जाहिर है बारिश का मौसम हो और मौज-मस्ती का शमां तो शराब और बीयर तो साथ होगी। तीनों नशे में धुत सलमान खान पूरी तरह पीकर और अपनी कार में कुछ बोतलें और केन रखकर सचिवालय रूट से चितकोहरा ब्रिज की ओर फुल स्पीड के साथ फर्राटे मारते हुए जा रहे थे। तभी गर्दनीबाग में एक हादसा हो गया। नशे में धुत ये 'सलमान खान' को अपने सामने बड़ा-सा ब्रिज नहीं दिखाई पड़ा और उसने अपनी हुंडई कार ले जाकर उसमें ठोक डाली।

बड़ा हादसा नहीं हुआ

संयोग मात्र है कि जिस वक्त यह वाक्या हुआ, सड़क पर ट्रैफिक कम था। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। और आगे बढऩे की स्थिति में नहीं रही। तभी किसी ने इस एक्सीडेंट की सूचना सेक्रेटेरिएट पुलिस को दे दी। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और तीनों को अरेस्ट कर लिया और अपने साथ थाने ले आई। तब तक इस घटना की सूचना मीडिया को भी मिली और उसके कैमरामैन सेकेटेरिएट थाने में इक_ा हो गए। लेकिन, पुलिस ने तीनों सलमान खान को कहीं छिपा दिया। इस संबंध में जब पत्रकारों ने थाने में पोस्टेड टे्रनी आइपीएस सत्यवीर सिंह से कुछ जानने की कोशिश की, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

बचते-बचाते निकल पड़े

तभी थाने में एक होंडा सिटी कार आकर रुकी। इस कार से एक रईस डॉक्टर और उनका पूरा परिवार बाहर निकला। लेकिन, इन लोगों ने मीडिया की अनदेखी करते हुए सीधे थाने के अंदर का रुख किया। लगभग बीस मिनट के बाद यह परिवार बाहर आ गया। इनके साथ उस वक्त उनका वो पुत्र भी था, जो एक्सीडेंट के वक्त कार में मौजूद था। इसके बाद एक-एक कर दोनों शेष बचे सलमान खान को भी मीडिया की नजरों से बचाते हुए थाने से विदा कर दिया गया।

तो इसलिए हुआ रफा-दफा

बहरहाल, मामले की तह तक पहुंचने के लिए मीडिया ने कई दूसरे सोर्सेज को खंगाला, तो पता चला कि शराब के नशे में एक्सीडेंट करने वाले तीनों सलमान खान को पटना पुलिस के टॉप मोस्ट अफसर की पैरवी पर छोड़ा गया। क्यों छोड़ा गया, इसका कारण यह है कि तीनों सलमान खान में से एक स्टेट के मिनिस्टर का भतीजा था, तो दूसरा एक आइएएस अफसर का बेटा और तीसरा शहर के एक फेमस डॉक्टर का पुत्र। तीनों को रिहा करने के बाद पुलिस ने एक क्रेन भेजकर एक्सीडेंट वाली कार को थाने में लाकर लगा दिया। इस तरह मामला रफा-दफा हो गया।