महिला टीचर से लूट

जानकारी के मुताबिक, जूही श्रीवास्तव पत्नी उपेन्द्र श्रीवास्तव नालन्दा टाउन शास्त्रीपुरम सिकंदरा में रहती है. जूही भरतपुर में एक स्कूल में टीचर है. वह डेली बस स्टेंड तक अपनी एक्टिवा से आती-जाती है. रोज की तरह जूही थर्सडे दोपहर करीब एक बजे बस स्टैंड से एक्टिवा से घर आ रही थी. तभी वायु विहार मोड़ पर बाइक सवार दो बदमाशों ने उसे रोक कर पर्स लूट लिया और फरार हो गए. टीचर ने शोर मचाया पर बदमाश भाग जाने में सफल हो गए. लूट की सूचना पर सिकंदरा पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई.

बाइक लूट की फायरिंग

वहीं, दूसरी घटना में बंटी पुत्र जगत सिंह खड़वाई सिकंदरा कैलाशपुरी में ताज गैस एजेन्सी पर काम करता है. ऑफिस के काम से बंटी बाइक से हरीपर्वत पर जा रहा था. सौंठ की मंडी पागलखाने के सामने बाइक सवार दो बदमाशों ने बंटी पर ईट मारी. इससे बंटी अपना सन्तुलन खो बैठा और गिर गया. बदमाश बंटी की हीरो होन्डा मोटर साइकिल लेकर भागने लगे. दिन-दहाड़े चहल पहल वाली सड़क पर हुई घटना से लोगों में हड़कंप मच गया. घटना मौजूद लोगों ने बदमाशों का पीछा किया. बदमाश अपने को घिरता देख तमंचे से फायर करते हुए भाग गए. महज चार सौ मीटर की दूरी पर पुलिस पिकेट बैठती है. मौके पर पुलिस पहुंच गई. बंटी की गाड़ी पर नंबर नहीं पड़े थे. पुलिस ने शहर में आनन-फानन में चेकिंग करने के आदेश दिए.

हो जाते हैं अंडरग्राउंड

 बदमाश घटना करने से पहले उस क्षेत्र की पॉश कॉलोनी में किराए पर कमरा लेकर रहते हैं. जिससे वारदात को अंजाम देने के बाद आसानी से अपने कमरे पर पहुंच जाएं. घटना के लगभग चार दिन तक अंडरग्राउंड हो जाते हैं. सिटी के चारों कोनों पर पॉश कॉलोनियों में तीन-चार का ग्रुप बनाकर किराए पर रहते हैं. अलग-अलग समय पर एक साथ घटना को अंजाम देते हैं. एक समय पर दो घटनाओं से पुलिस घटना को पूरी तरह से नहीं देख पाती है और बदमाश भाग जाने में सफल हो जाते हैंं. 2008 में दिन-दहाड़े पश्चिमपुरी में इंजीनियर के मकान से चालीस लाख नगद और लाखों की ज्वेलरी लेकर भागे रहे थे. पुलिस ने घेराबंदी कर दो बदमाशों को मार गिराया था. दोनों बदमाश मेरठ के थे. एक महीने से शास्त्रीपुरम में किराए के मकान में रह रहे थे.

दोपहर टाइम है फिक्स

पिछले दो दिनों की लूट की वारदात पर नजर डालें तो इन बदमाशों ने दोपहर टाइम पर ही घटनाओं को अंजाम दिया है. थर्सडे को भी वारदात टाइम दोपहर एक बजे और उसके आसपास ही रहा है. इस दौरान गर्मी के चलते सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा रहता है. बदमाशों को भी वारदात करने के दौरान पब्लिक के विरोध का डर नहीं रहता है.