- अभी पुलिस बरामद नहीं कर सकी डकैती के 1.68 करोड़ रुपये लापता

- तमाम आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ में बरामद हुए सिर्फ 16.01 लाख रुपये

- बकाया रकम का सुराग लगा पाने में पुलिस नाकाम

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LUCKNOW: कहावत है पुलिस चाहे तो अपराधी या सामान को पाताल से भी खोज निकालती है, लेकिन अगर अपराधी पुलिसकर्मी हों तो फिर यह कहावत फिट नहीं बैठती. दरअसल, गोसाईगंज में कोयला कारोबारी अंकित अग्रहरि के घर दो दारोगा व एक सिपाही ने डकैती डालकर विभाग की फजीहत कराई वहीं, दूसरी तरफ जांच में जुटी पुलिस टीम लूटे गए 1.85 करोड़ रुपयों में से अब तक महज 16 लाख रुपया ही बरामद कर सकी है. यह हाल तब है जब कमोबेश सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. ऐसे में बाकी रुपयों का सुराग न लगना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है.

छापा मार उड़ाइर् थी रकम

बीती 10 मार्च की सुबह ओमेक्स रेजीडेंसी के फ्लैट नम्बर 104 में काला धन छिपे होने की सूचना को आधार बना कर दारोगा पवन मिश्रा व आशीष तिवारी ने छापा मारा था. अधिकारियों की अनुमति के बिना छापा डालने की कार्रवाई गलत नीयत से की गई थी. जहां हथियारों से लैस होकर पहुंचे दोनों दारोगाओं व उनके साथियों ने कारोबारी के साथ जमकर मारपीट कर थी. प्लान के तहत कारोबारी के घर से 1.85 करोड़ रुपये मधुकर मिश्रा, राधाकृष्ण उपाध्याय, यशराज, एएसपी क्राइम का गनर प्रदीप भदौरिया व उसका ड्राइवर आनन्द यादव लूट कर फरार हो गये थे. जबकि, दोनों दारोगाओं ने लोकल चौकी इंचार्ज को सूचना देकर बुलाया और 1.85 करोड़ रुपये बरामद होने का दावा ि1कया था.

बरामद सिर्फ 16.01 लाख

जांच में जुटी पुलिस टीमों ने एक-एक कर आरोपियों दारोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी, कॉन्सटेबल प्रदीप भदौरिया, आनंद यादव को अरेस्ट कर लिया. इन सभी को रिमांड पर लिया गया. रिमांड के दौरान एसआई पवन व आशीष, कॉन्सटेबल प्रदीप भदौरिया व ड्राइवर आनंद की निशानदेही पर 2.40 लाख रुपये बरामद किये थे. वहीं, डकैती के मास्टरमाइंड वकील मधुकर मिश्रा ने कोर्ट में मारपीट के एक पुराने मामले में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने 14 मार्च को मधुकर को पांच दिन की रिमांड पर लिया था. जिसके बाद प्रदीप और आनंद को रिमांड पर लेकर मधुकर से आमना-सामना कराया गया. इस दौरान इस्माइलगंज स्थित यशराज के घर से 12.86 लाख रुपये नकद और 30.92 लाख रुपये के तीन चेक बरामद किए गए. जबकि, पुलिस ने यशराज को अरेस्ट करते हुए उसके पास से 24 हजार रुपये बरामद किये थे. इसके साथ ही पुलिस ने कॉन्सटेबल प्रदीप सिंह भदौरिया के घर पर दबिश देकर उसकी पत्नी बीना सिंह के कब्जे से 51 हजार रुपये बरामद ि1कये थे.

फरार आरोपियों के पास बकाया रुपये

रिमांड पर लिये गए मधुकर शुक्ला व अन्य आरोपी पूछताछ के दौरान यही दावा करते रहे कि बकाया रकम मधुकर के साथी राधाकृष्ण और मौसा अनिल पाठक के पास है. नतीजतन, पुलिस अब इन दोनों की तलाश में जुटी है. लेकिन, न तो दोनों फरार आरोपियों का सुराग लगा और न ही बकाया रकम का ही पता चल सका.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि राधाकृष्ण और अनिल पाठक के पास बाकी के रुपये हैं. उनकी अरेस्टिंग के बाद पता चल सकेगा कि बाकी की रकम उन्होंने कहां पर छिपा रखी है.

राजकुमार शुक्ला, सीओ, मोहनलालगंज