- डॉक्टर से रंगदारी मांगने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

- रंगदारी मांगने वाले दो बदमाश पहले से डॉक्टर के परिचित

LUCKNOW :

महंगे शौक पूरा करने के लिए शार्ट कट से पैसा कमाने वाले चार युवकों को सआदतगंज पुलिस ने पकड़ा। चारों युवकों ने डॉक्टर से दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। पैसा न देने पर बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी। युवकों ने रंगदारी के लिए डाक्टर को तीन मैसेज भेजे थे। पकड़े गए दो युवक डॉक्टर के परिचित हैं।

मैसेज से मांगी गई थी रंगदारी

एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सआदतगंज गोल्डन सिटी निवासी डॉक्टर मुबीर का लकडमंडी इलाके में क्लीनिक है। डॉक्टर मुबीर ने बताया कि 29 अप्रैल को उन्हें मोबाइल पर एक मैसेज मिला। मैसेज में उनसे 10 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। साथ ही धमकी दी गई थी कि अगर रुपये नहीं मिले तो उनके मासूम बेटे को जहर देकर मार दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत सआदतगंज पुलिस से की।

पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा

सआदतगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने सर्विलांस की मदद से शुक्रवार को डॉक्टर से रंगदारी की मांग कर रहे चार युवकों को पकड़ा। पुलिस ने उनके पास से घटना में यूज किए दो मोबाइल फोन और दूसरे की आईडी से खरीदे गए तीन सिमकार्ड बरामद किये। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम सआदतगंज लकड़मंडी निवासी मोहम्मद शानू, चिकमंडी निवासी अकील और ठाकुरगंज निवासी वहीद और शोएब बताया। इंस्पेक्टर सआदतगंज नीरज ओझा ने बताया कि इस घटना का मास्टर मांइड अकील है। अकील और वहीद मीट काटने का काम करते हैं, जबकि शोनू दरदोजी और शोएब की मोबाइल शॉप है।

डॉक्टर के घर तक था आना जाना

डॉक्टर से रंगदारी मांगने की प्लानिंग आरोपी अकील ने रची थी। इंस्पेक्टर सआदतगंज ने बताया कि अकील डॉक्टर के पास ट्रीटमेंट के लिए जाता था। डॉक्टर उससे पैसे भी नहीं लेते थे। अकील जानता था कि डॉक्टर के एक ही बेटा है और उनके पास ठीक-ठाक पैसा भी है। इसी को देखते हुए उसने इस वारदात की प्लानिंग की।

शौक पूरे करने के लिए मांगी थी रंगदारी

इंस्पेक्टर सआदतगंज नीरज ओझा ने बताया कि पकड़े गये सभी आरोपी नवयुवक हैं। उनके शौक बड़े हैं। गर्लफ्रेंड पर पैसा खर्च करने के लिए इन्हें पैसे की जरूरत थी। शार्टकट में रुपये कमाने के लिए आरोपियों ने रंगदारी मांगने का रास्ता चूना।

खौफ में गुजरे कई दिन

डॉक्टर के पास रंगदारी भरा मैसेज आने के बाद पूरा परिवार डरा सहमा था। कुछ दिनों तक डॉक्टर ने बेटे को स्कूल तक नहीं भेजा। एफआईआर दर्ज कराने के बाद वह लगातार पुलिस के सम्पर्क में थे। आरोपी अकील और शानू डॉक्टर के परिचित थे। जब डॉक्टर व उनके घरवालों के अकील और शानू के बारे में पता चला तो वे दंग रह गये।

मुंबई की भाषा में करते थे मैसेज

पकड़ा गया आरोपी अकील 8वीं कक्षा तक पढ़ा है। वह नागपुर में भी रहा है। अकील ने 26 अप्रैल को शोएब के जरिए फर्जी सिम हासिल किया और फिर पहला मैसेज 29 अप्रैल, दूसरा 30 अप्रैल और तीसरा एक मई को किया। हर मैसेज उनसे मुंबइया भाषा में किया ताकि पुलिस को उन पर शक न हो।

कैसे पकड़े गए आरोपी

सआदतगंज और क्राइम ब्रांच की टीम मैसेज के नंबर पर छानबीन कर रही थी। पुलिस नंबर के आधार पर राधा ग्राम में रहने वाल ननके तक पहुंची। ननके ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले शोएब की दुकान से सिम कार्ड लिया था। शोएब ने ननके को सिम कार्ड बेचते समय उससे दो बार मशीन में अंगुठा लगवा लिया और उसी के नाम पर सिम कार्ड लेकर अकील को दिया।