रांची: नौकरी के लिए इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराये 10 लाख युवाओं के हाथ अब तक खाली ही हैं. ये अब भी बेरोजगार ही हैं. पूरे झारखंड का यह हाल है. ये युवा आज भी नौकरी पाने के इंतजार में कतार में हैं. इन्हें जॉब के लिए कब आयेगा बुलावा, इसका इन्हें बेसब्री से इंतजार है. दरअसल, झारखंड में 9,75,137 युवाओं ने इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. लेकिन यह इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज इनकी दक्षता के हिसाब से नौकरी दिला पाने में अब तक नाकाम ही है. कहें तो इस एक्सचेंज के माध्यम से युवाओं को नौकरी नहीं के बराबर ही मिल पा रही है. जबकि अब से पहले ग्रेड सी और ग्रेड डी की भर्ती इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से ही की जाती थी. लेकिन अब यहां से रोजगार मेला के माध्यम से भर्ती की जा रही है. जिसमें चार हजार के नौकरी के लिए युवाओं को गुड़गांव जाना पड़ता है. ऑफि शियल डाटा के अनुसार झारखंड में इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से वेबसाइट पर जिन 9,75,137 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उनमें से 3,26,530 रजिस्ट्रेशन लाइव हैं. जबकि इनमें से सिर्फ 38,091 युवाओं को नौकरी मिल पाई है.

2008 के बाद नहीं बना पैनल

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से हर जिले से युवाओं का रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इसमें जिले के डीसी इस पैनल के चेयरमैन होते हैं, वही इस पैनल को हेड भी करते हैं. लेकिन झारखंड में 2008 के बाद से कोई पैनल ही नहीं बना और युवाओं का सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है, रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार द्वारा जो रोजगार मेला आयोजित किया जाता है उसमें युवाओं को नौकरी का ऑफ र दिया जाता है. इनमें से अधिकतर वैसे युवा होते हैं जो पढ़े-लिखे कम होते हैं.

3 साल पर फिर होता है रजिस्ट्रेशन

इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज एक्सचेंज के माध्यम से युवाओं को भले ही नौकरी नहीं मिल रही हो लेकिन हर 3 साल के बाद उनको दोबारा से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. ऑफि शियल डेटा के अनुसार 9,75,137 युवाओं ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से 3,26,530 युवाओं का रजिस्ट्रेशन लाइव है. यानी कि पिछले कई साल से इन युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही है और हर 3 साल पर युवा दोबारा रजिस्ट्रेशन भी करा रहे हैं. एक बात और कि इस इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज से नौकरी भले न मिल रही हो लेकिन इनको हर 3 साल पर यह बताना अनिवार्य है कि वह अभी भी बेरोजगार हैं और उनकी नौकरी कहीं नहीं लग पाई है.

उड़ीसा का एक्सचेंज काम का

ऐसा नहीं है कि हर जगह इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज युवाओं को सिर्फ इंतजार ही करा रहा है. उड़ीसा में ग्रुप सी और ग्रुप डी की नियुक्ति इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से अभी भी की जा रही है. हाल ही में टाटा कंपनी का एक प्लांट उड़ीसा में लगाया गया है. उसमें ग्रेड सी और ग्रेड के लिए अप्वॉइंट हुए सभी कर्मचारियों को इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से ही नौकरी मिल पाई है. उड़ीसा सरकार ने टाटा कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिया था कि उसके प्लांट में जो भी ग्रेड सी और डी की नौकरी होगी उड़ीसा की जनता करेगी, और इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से जिनका सर्टिफिकेट भेजा जाएगा वहीं इन पदों पर नौकरी के लिए एलिजबिल होंगे.

बंगाल में एक्सचेंज से सिपाही

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अभी भी सिपाही नियुक्ति इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से की जाती है. वहां के इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में जिन युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है और जो एलिजिबल हैं उनको ही पहला प्रिफ्रेंस दिया जाता है. सरकार का नियुक्ति का जो प्रॉसेस है उसमें इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराने वाले बेरोजगार युवाओं को ही प्रॉयारिटी दी जाती है.

4000 की जॉब वो भी गुड़गांव में

झारखंड में इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से रोजगार मेला लगाया जाता है. इस मेला में रोजगार के लिए युवा पहुंचते हैं. कई कंपनियां भी पहुंचती हैं. लेकिन युवाओं को इतनी कम सैलरी ऑफ र की जाती है कि वह कुछ दिन नौकरी करने के बाद वापस आ जाते है.ं एक युवा मनीष कुमार ने बताया कि उसका ऑटोमोबाइल कंपनी में रोजगार मेला के माध्यम से गुड़गांव में नौकरी लगी जहां उसे 4 हजार रुपए महीने सैलरी ऑफ र की गई थी, जिसके बाद उसने नौकरी ज्वॉइन नहीं किया.

इंप्लॉइमेंट एक्सचेंज के माध्यम से जिन युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है उनको सरकारी नौकरी में प्रॉयारिटी मिले, इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से हीं एप्लीकेशन लिया जाए, इसके लिए सरकार को पत्र लिखा गया है.

जगत नारायण प्रसाद, डायरेक्टर, इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज, झारखंड