RANCHI: सोमवार की दोपहर एक बजे के करीब मेन रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक में सीएमएस कर्मी मंजीत कुमार को बेवकूफ बनाकर दो अपराधी क्0 लाख रुपए ले उड़े। इस संबंध में मंजीत कुमार ने तीन अज्ञात अपराधियों के खिलाफ लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि मंजीत ने कहा है कि बैग में कितनी राशि थी इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन सीएमएस के ओनर सुनील कुमार झा ने कहा कि पांचों प्रतिष्ठान से क्8 लाख कलेक्शन हुआ था और बैग में क्8 लाख रुपए थे

ऐसे घटी घटना

जानकारी के मुताबिक, सीएमएस का कर्मचारी बैंक में कस्टमर का पैसा लेकर जमा करने गया था। वह अंदर एक कुर्सी पर बैठा था। तभी उसके बगल में आकर एक युवक बैठ गया। थोड़ी देर बाद एक और युवक आया और मंजीत से कहा कि क्0 और ख्0 के नोट शायद आपके गिरे हैं। इसके बाद मंजीत नोट उठाने के चक्कर में रह गया। इसी क्रम में पास बैठा युवक बैग लेकर जाने लगा। मंजीत ने उससे बैग लेकर जाते हुए देखा भी, पर उसने न तो शोर मचाया और न ही किसी को सूचना दी। तब तक आरोपी अपाची बाइक पर सवार होकर वहां से भाग निकले।

अपराधी पूर्व से ही कर रहे रेकी

सिटी डीएसपी शंभू कुमार सिंह के मुताबिक, बैंक में मौजूद तीन अपराधियों ने मंजीत की रेकी पहले से ही की थी। उसे उलझाने के लिए ही कस्टमर की नजर बचाकर क्0 और ख्0 के नोट फर्श पर गिरा दिए। पीडि़त कस्टमर अपना बैग छोड़ जमीन पर गिरे रुपए उठाने लगा।

दौड़ी तीन थानों की पुलिस

वायरलेस पर सूचना दी गई कि एक व्यक्ति बैंक से राशि निकाल कर ले जा रहा था, तभी बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसके दस लाख रुपए लूट लिये। लेकिन, जब पूछा गया कि एक साथ दस लाख कैसे निकाला, तो जवाब नहीं मिले। सिटी डीएसपी, चुटिया, हिंदपीढ़ी और लोअर बाजार थाना पुलिस दौड़ी तो मामला कुछ और ही निकला। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।

क्वोट

आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी गई है। अपराधी लोकल ही हैं, सभी जल्द पकड़ लिये जाएंगे।

-कौशल किशोर, सिटी एसपी, रांची

बॉक्स

ख्0क्ब् में पकड़ाया था तमिनलाडू का गिरोह

सात अक्टूबर, ख्0क्ब् को रांची में सड़क पर दस-दस का नोट गिरा कर गाडि़यों से रुपए का बैग उड़ाने वाले गिरोह के सरगना दीपक को लोअर बाजार पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दीपक ने रोस्पा टॉवर और पीपी कंपाउंड में दो लोगों को अपना शिकार बनाया था। उसका एक और साथी प्रभु मौके से फरार हो गया था। इस गिरोह ने मनीष नामक युवक को अपना शिकार बनाया था। पूछताछ में उसने बताया कि था कि उसके गिरोह के सारे सदस्य तमिलनाडु के हैं। गिरोह बैंक, मार्केट तथा एटीएम के पास सक्रिय रहता है। रुपए उड़ाने के बाद दूसरे शहर चले जाते थे और फिर वहां से तमिलनाडू लौट जाते थे।