RANCHI: रातू थाने के समीप इलाहाबाद बैंक के मैनेजर ब्रहमानंद पांडेय से कैश दस लाख लूट के मामले में रांची पुलिस को तुरूप का पत्ता हाथ लगा है। इस लूटकांड में वह सफेदपोश शामिल है, जिस पर पुलिस शक भी नहीं कर सकती है। यह शख्स अरगोड़ा इलाके में रहता है और वह वहां पर पहले नौकरी करता था। नौकरी छोड़ने के बाद उसे पैसे की दिक्कत हुई तो उसने अपराधियों को गेम प्लान दे दिया। उसी ने अपराधियों को रूट की जानकारी दी और काम तमाम करवाया।

इंटर स्टेट लुटेरे भी शामिल

बताया जाता है कि इस लूटकांड में कुल पांच से छह लोग शामिल हैं, सबका काम अलग-अलग था। इनमें से कुछ अपराधी इंटर स्टेट भी हैं, जो पिस्टल के बल पर कैश को सुनसान स्थान पर लूटने का काम करते हैं। पुलिस उस कड़ी तक पहुंच गई है, जल्द ही पूरे मामले को सॉल्व कर लिया जाएगा।

प्राइवेट ड्राइवर अब भी संदेह के घेरे में

पुलिस की नजरों में प्राइवेट ड्राइवर रंजीत सिंह अब भी संदेह के घेरे में है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर के बयान पर ही अपराधियों का सुराग मिल पाया है।

क्8 जुलाई को हुई थी लूट

गौरतलब हो कि क्8 जुलाई को दिन के क्क्.फ्0 बजे के करीब रातू थाना क्षेत्र के करीब काली मंदिर के पास एक बाइक पर सवार तीन अपराधी बैंक मैनेजर से लगभग दस लाख रुपए लूट कर फरार हो गए थे। घटना उस वक्त घटी, जब इलाहाबाद बैंक के मैनेजर ब्रह्मानंद पांडेय रांची के सरकुलर रोड स्थित इलाहाबाद से इंडिगो कार (जेएच-0क्बीपी-भ्भ्क्म्)पर सवार होकर उमेडंडा ब्रांच जा रहे थे। यह राशि उन्होंने लालपुर ब्रांच से निकाली थी।