नमस्कार मित्रों, आज हम जब भी घर की बात करते हैं, तो निर्माण की बात आती है और जब निर्माण की बात आती है तो वास्तु का जिक्र भी आता है और वास्तु का जिक्र आता है तो हम स्वयं ही सजग हो जाते हैं कि जो हम कर रहे हैं, वह सही है। अगर भवन निर्माण के समय हम कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें, तो आने वाली समस्यायों से बचा जा सकता है।

1. प्रवेश द्वार बनवाते समय ध्यान दें कि वह सही बने और प्लॉट की बाहरी और आंतरिक संरचना पर भी अवश्य ध्यान दें। घर के प्रवेश द्वार के सामने कोई सकरा रास्ता न हो, तो अच्छा है नहीं तो वहां रहने वालों को स्वास्थ्य की तकलीफें आती हैं और विकास में भी बाधाएं आनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में प्रवेश द्वार पर दर्पण लगाएं, जिससे उस मार्ग की परछाईं दूसरी ओर चली जाए।

2. यदि कहीं प्लॉट है और निर्माण बाद में करना है तो वहां चारदीवारी जरूर बनवाएं, जिससे किसी भी बाहरी व्यक्ति का दखल न हो। यहां पर चारदीवारी बनवाते समय भी पूरा ध्यान देना चाहिए कि किस तरफ कैसी दीवारें होनी चाहिए। यदि यहां पर चारदीवारी बनवाने की जगह तारों की फेंसिंग करा रहे हैं, तो यह भी ध्यान दें कि वहां गोलाई न आने पाए अन्यथा वहां रहने वालों को नुकसान हो सकता है।

3. पूर्व दिशा की वजनदार दीवार का निर्माण न कराएं। इससे सौभाग्य में कमी आ सकती है या ऐसा भी हो सकता है कि आपके द्वारा किए हुए कार्यों का परिणाम पूरी तरह न आए।

4. चारदीवारी पर भाले न लगवाएं। कभी-कभी लोग सुरक्षा की दृष्टि से भाले लगवा देते हैं, जो सही नहीं है। इससे सकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है।

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5. दीवारों में ऊंचाई दक्षिण-पश्चिम की तरफ हो। इस तरफ की दीवारें मोटी भी हों तो अच्छा है। जहां भी आपने प्लॉट का चयन किया है, वहां पर आस-पास का क्षेत्र भी साफ-सुथरा हो। बाहर का वातावरण भी हमें प्रभावित करता है।

6. पड़ोस में बहुमंजिली इमारतें, बड़ी पहाड़ी, नाले का स्रोत, ज्यादा पॉवर वाले तार भी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। यहां किसी भी तरह कंटीले पेड़-पौधे न लगाएं।

7. निर्माण के समय उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ ज्यादा जगह छोड़ें और दक्षिण की तरफ कम। यदि प्लॉट के चारों तरफ जगह खाली है, तो वहां दक्षिण दिशा की तरफ गुलमोहर, अशोक, नीम लगा सकते हैं और पूर्व दिशा की तरफ लॉन भी बनवा सकते हैं जो घर-परिवार के लोगों के लिए भी अच्छा रहेगा। यह घर के स्वच्छ वातावरण में सहयोग और विश्राम के लिए भी सहायक होगा।

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8. कैक्टस न लगाएं, नहीं तो परिवार के लोगों में असंतोष की भावना धीरे-धीरे आने लगती है।

9. प्लॉट के बाहरी स्थान के साफ-सुथरा होने के साथ-साथ अंदर की संरचना भी साफ और वास्तु वाइब्स की दृष्टि से सही होनी चाहिए। जिससे वहां रहने वाले लोग सफलता की ओर अग्रसर हो सकें। प्लॉट पर निर्माण भी वास्तु  अनुसार सही तिथि पर शुरू हो तो बेहतर है।

10. इसके निर्माण के समय ध्यान दें कि प्लॉट की आकृति भी वास्तु के अनुसार सही हो। यदि निर्माण शुरू करने में समय लग रहा है, तो भी सफाई करवाएं। वहां जंगली पेड़-पौधे न उगें। यदि ऐसा हो तो उससे तुरंत हटवाएं। 

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