ये दोनों मेज़ें सांसदों के इस्तेमाल के लिए थीं और इन्हें बिना आधिकारिक अनुमति के लगभग छह हज़ार डॉलर में बेच दिया गया। लेकिन ये मेज़ें क्यों और कैसे बेची गईं, इस बात की जांच पर एक लाख डॉलर खर्च कर दिए गए। एक संसदीय जांच ने इस पूरे मामले को 'शर्मनाक' बताया है।

सिडनी में स्थित बीबीसी संवाददाता डंकन कैनेडी के अनुसार ये दोनों बिलियर्ड मेज़ें कैनबरा में संसद के कैफ़े में संसद सदस्यों के इस्तेमाल के लिए लगाई गई थीं। लेकिन पिछले साल जुलाई में नीलामी की एक ऑनलाइन साइट पर इन्हें बिक्री के लिए डाला गया जहां पर ये लगभग छह हज़ार डॉलर में बिक गईं।

जब इस बात का पता चला कि ये बिना अनुमति के बेची गई हैं तब एक के बाद एक पांच बार इस मामले की जांच बैठाई गई। इस जाँच में ही आम जनता के एक लाख दो हज़ार डॉलर खर्च हो गए।

संबंधित विभाग के शर्मिंदा अधिकारियों को अब संसद सदस्यों के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। एक सांसद ने इस मामले को 'शर्मनाक' और 'सर्कस' कहा है।

लेकिन बात यहीं पर ख़त्म नहीं हुई। जब अधिकारियों से पूछा गया कि इन बिलियर्ड मेज़ों को हटाने, रखने और बेचने में कितना ख़र्चा आया, तो किसी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

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