RANCHI: बिना रसीद के बिक गई 850 करोड़ की शराब। जी हां, झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 मार्च तक 850 करोड़ की शराब बिक्री का अवैध कारोबार किया है। राज्य में शराब का कारोबार राज्य सरकार चला रही है। ऐसे में गलत तरीके से शराब बिक्री की जिम्मेदारी भी सरकार पर ही आन पड़ी है। सितम्बर माह से राज्य में बिकने वाली शराब की एक भी बोतल की रसीद जारी नहीं की गई है, न ग्राहकों का नाम पता मौजूद है न ही बोतलों की बिक्री की डे टू डे जानकारी से संबंधित कोई दस्तावेज है। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम रघुवर दास के डिजिटलाइजेशन और पारदिर्शता के दावों पर शराब बेचने की सरकारी प्रक्रिया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब हो कि पिछले वित्तीय वर्ष में शराब बिक्री से सरकार को 950 करोड़ की आय हुई थी, जबकि इस साल 850 करोड़ रुपए ही आए। इस तरह सरकार को 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

ऐसे होता है गोरखधंधा

शराब कंपनी द्वारा ड्यूटी फीस भरने व डिस्पैच के दस्तावेजों के आधार पर डिपो में स्टाक मिलान किया जाता है, फिर दुकानों को भेजी जा रही शराब की बोतलों की गिनती और उन दुकानों के स्टाक से मिलान किया जाता है। इस लंबी और जटिल प्रक्रिया में कई खामियां हैं, जिनके सहारे करोड़ों रुपए के गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है।

न कंप्यूटर लगे न ही सीसीटीवी

राज्य सरकार ने जब शराब बेचने का निर्णय लिया था तो शराब दुकानों में कंप्यूटर व सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्णय भी लिए गए थे। बोतल की बिक्री पर रसीद जारी की जानी थी ताकि ग्राहकों के नाम-पते के साथ-साथ बिक्री का डिटेल भी पारदर्शी हो। लेकिन इतने महीनों बाद भी इनमें से किसी भी प्लान को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है।

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दो कंपनियों संग एकरारनामा

सरकार द्वारा संचालित शराब दुकानों में शराब बिक्री के लिए जिन कर्मियों को रखा गया है, उन्हें मैनपावर प्रोवाइडर कंपनी सोमुख इंटरप्राइजेज व फ्रंटलाइन कंपनी नेउपलब्ध कराया है।

एकरारनामे का उल्लंघन

सरकार ने इन दोनों कंपनियों के साथ एकरारनामा किया है कि प्रति बोतल शराब की बिक्री के साथ रसीद जारी की जाएगी, लेकिन दोनों ही कंपनियों के लोग इन एकरारनामे का उल्लंघन कर रसीद जारी नहीं कर रहे हैं। सिर्फ हिसाब का स्टाक मिलान कर सरकार को भेज दिया जाता है।

बोतलों के बढ़े दाम फिर भी घाटा

सरकार द्वारा शराब कारोबार के संचालन के बाद शराब की बोतलों पर ड्यूटी फीस बढ़ा दी गई, जिसके कारण शराब के दाम में भी वृद्धि हुई है। इसके बावजूद भी सरकार को शराब के कारोबार में नुकसान ही हो रहा है।

वर्जन

उत्पाद विभाग ने सोमुख इंटरप्राइजेज व फ्रंटलाइन कंपनी के साथ मैनपावर का एकरारनामा किया है। इन दोनों कंपनियों को एकरारनामे की शर्तों के मुताबिक शराब की बोतलों के साथ रसीद जारी करना है, लेकिन दोनों ही कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। रसीद जारी नहीं किए जाने की सूचना विभाग को भी मिली है।

-भोर सिंह यादव, आयुक्त, उत्पाद विभाग, झारखंड

क्या कहती हैं कंपनियां

दुकानों पर इतनी भीड़ हो रही है कि शराब बिक्री की रसीद जारी नहीं हो पा रही है। रात में स्टॉक मिलान कर रजिस्टर में एंट्री कर दी जाती है। एकरारनामा तो किया गया है, लेकिन कंप्युटर वगैरह भी नहीं लगा है कि काम किया जा सके।

-राजदीप, जीएम, सोमुख इंटरप्राइजेज

रसीद जारी करने का नियम बना हुआ है और जहां भी ग्राहक रसीद की मांग करते हैं वहां हमारे कर्मियों द्वारा हैंडरीटेन रसीद दी जाती है। कंप्युटर वगैरह पर अभी काम चल रहा है, लेकिन काफी काम बाकी है।

-अश्विनी कुमार, जीएम, फ्रंटलाइन कंपनी