-महानगर में सिर्फ 35 होटलों का ही है रजिस्ट्रेशन

-एलआईयू की पहल पर प्रशासन कर रही कार्रवाई की तैयारी

GORAKHPUR: शहर के होटलों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। शहर के करीब सौ होटलों का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। यहां कौन आया, कहां से आया और कब तक रुका इसकी जानकारी किसी के पास नहीं होती है। जबकि, इन होटलों में अधिकतर विदेशी ठहरते हैं। नेपाल सीमा के पास होने के कारण गोरखपुर से आसानी से घुसपैठिया घूस जाते हैं। एलआईयू ने अवैध रूप से संचालित होटलों के खिलाफ कार्रवाई करने को एडीएम एफआर को पत्र भ्ाी लिखा है।

होटल से पकड़ी गई थी विदेशी मॉडल

बीते दिनों शहर के एक होटल से यूक्रेन की मॉडल डायरिया मोलचन की हाल ही में एसटीएफ द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद स्थानीय खूफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं हैं। नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा में गोरखपुर पहुंची डारिया के अलावा पिछले दिनों वाराणसी में इसी रास्ते पहुंचे चीन के नागरिक के पकड़े जाने की सूचना ने अफसरों के होश उड़ा दिए। एलआईयू के अधिकारियों-कर्मचारियों ने सक्रियता दिखाते हुए शहर के होटलों की अपने स्तर से जांच शुरू की तो उसे चौंकाने वाली जानकाि1रयां मिली।

सिर्फ 35 होटलों का ही है लाइसेंस

एलआईयू की जांच में सामने आया कि महानगर में 35 होटल ही लाइसेंस लेकर चल रहे हैं। इनमें से कई ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है। जबकि, सौ से अधिक ऐसे भवन हैं जिनका होटल के रूप में बिना अनुमति के इस्तेमाल हो रहा है। इनका कोई लेखा-जोखा किसी अधिकारी या विभाग के पास नहीं है। इससे भी बड़ी बात यह है कि इनमें ठहरने वाले लोगों के बारे में कोई खासा रिकार्ड भी नहीं रखा जाता है।

24 घंटे में देनी होती है सूचना

दरअसल विदेशी नागरिक को होटल में ठहराने से पहले रिसेप्शनिस्ट उनसे बकायदा पूरी जानकारी हासिल करते हैं। इसमें उनका पासपोर्ट नंबर, वह किस देश के नागरिक हैं, विजा आदि की जानकारी शामिल हैं। उनको 24 घंटे के अंदर फार्म-सी में यह सभी जानकारी अंकित कर स्थानीय खुफिया इकाई को उपलब्ध करानी होती है। कंप्यूटर युग में अब यह सब जानकारी होटल द्वारा वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है। इसकी मॉनीटरिंग खुफिया इकाई करती है।

पर्यटन विभाग है जिम्मेदार

वहीं, होटलों के संचालन की निगरानी का जिम्मा पर्यटन विभाग का है। इसके बावजूद शहर में कितने होटल अवैध ढंग से संचालित हो रहे हैं, पर्यटन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी राजेंद्र कुमार का कहना है कि उनका काम केवल होटलों के निर्धारित मानकों की जांच करना है। होटल संचालक द्वारा बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग आदि से एनओसी लेने के बाद वह होटल में अन्य निर्धारित मानकों की जांच कर उनके रजिस्ट्रेशन की संस्तुति करते हैं। रजिस्ट्रेशन एडीएम एफआर करते हैं। हालांकि शहर में जिन होटलों का रजिस्ट्रेशन है उनमें से अधिकतर ने रिनुअल नहीं कराया है।

वर्जन

शहर में बिना रजिस्ट्रेशन अवैध रुप से चल रहे होटलों की जांच कराई गई है। करीब सौ से अधिक होटल बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। चूंकि यह बेहद गंभीर विषय है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से छानबीन कराई जा रही है।

जगदीश सिंह, डिप्टी एसपी, एलआईयू