फुटपाथ पर कब्जा करने वालों पर पांच हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है, लेकिन इतना तो कभी लगाया ही नहीं गया। शनिवार को आबूलेन में अतिक्रमण हटाने के दौरान भी इस रियायत को जारी रखा गया।

बाजार में इंक्रोचमेंट

अतिक्रमण करना हमेशा से फायदे का सौदा रहा है। कैंट एरिया के बाजार में तो इसके कई फायदे हैं। शनिवार को आबूलेन में कामचलाऊ ही सही फुटपाथ खाली कराने का अभियान चला तो महज पांच लोगों पर बारह सौ रुपए का ही जुर्माना लगा। यही नहीं इस पूरे साल में आबूलेन में कोई अतिक्रमण हटाओ अभियान भी नहीं चला। इस तरह से कैंट बोर्ड की ओर से आबूलेन में चलायी गई ये पहली ड्राइव भी थी।

महज फौरी अभियान

आई-नेक्स्ट में शनिवार के अंक में प्रकाशित खबर ‘झूठे सपने मत दिखाइये’ के बाद कैंट बोर्ड अधिकारियों ने आबूलेन, वीर बाला पथ, काठ का पुल से अतिक्रमण हटाया। टीम को देखकर कुछ ने फुटपाथ पर से सामान हटा लिए तो कुछ ने डांट खाने के बाद पुतले हटाए। कैंट के इंजीनियरिंग और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों को आबूलेन के फुटपाथ से दुकानों का सामान हटाने में काफी पसीना बहाया।

पहला अभियान

आबूलेन और बांबे बाजार की हर दुकान के बाहर अतिक्रमण है। अगर रोज अभियान चलाया जाए तब भी फुटपाथ खाली कराना संभव नहीं है। बाजार में दुकानों के बाहर स्टैंड लगाकर सामान पसारना तो स्थायी आदत है। कई जगह पुतले खड़े हैं, तो कई जगह एक्स्ट्रा सामान फुटपाथ पर या सडक़ पर रख दिया है। सडक़ के बीचों-बीच जाम लगाने वाली पार्किंग का तो कहना ही क्या। आबूलेन में करीबन दो सौ दुकाने हैं, लेकिन बाकी को जुर्माना लगाने लायक नहीं समझा गया।

सिर्फ दो गाड़ी सीज

आबूलेन और बांबे बाजार के आसपास चले इस अभियान में बोर्ड अधिकारियों को महज दो ही गाडिय़ां दिखाई दी। जिनको सीज किया गया। जिनमें एक गाड़ी मारुति वैन थी। बांबे बाजार और आबूलेन की दुकानों के बाहर सैकड़ों गाडिय़ां सुबह शाम पार्क होती हैं। वो तमाम बड़ी गाडिय़ां अधिकारियों को नहीं दिखाई दी।

फिर वही सूरत

कैंट बोर्ड के अतिक्रमण अभियान में डिस्काउंट ऑफर देने से तीन बजे के बाद आबूलेन और बांबे बाजार में शाम तक फिर वही नजारा हो गया। दुकानों का सामान बाहर आ गया। जिनका चालान कटा था, उनका भी और जिन्हें वार्निंग दी गई थी उनका भी।