RANCHI: एक रुपए के नोट की सौवीं वर्षगांठ की कहानी जितनी रोचक है उससे रोचक उससे जुड़ी लोगों की यादें हैं। एक जमाने में एक रुपए में आधा सेर(करीब ब्म्म् ग्राम) घी और एक किलो सरसो तेल खरीदा जा सकता था। रिम्स के एक्स डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो, आरयू पीजी हिन्दी डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी डॉ नागेश्वर सिंह व वर्तमान एचओडी डॉ जंगबहादुर पांडेय से जानिए क्9भ्भ्-म्0 में एक रुपया का महत्व। ख्। रुपए में आधा किलो घी क्9म्0 में एक रुपया में आधा किलो शुद्ध देसी घी खरीदा जा सकता था। सरसो तेल एक रुपया किलो था। इस समय हम एक रुपया में भरपेट जलेबी भी खा लेते थे और खिलौने खरीदने के बाद भी पैसे बच जाते थे। क्9म्ब् में मुझे ढाई रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी और आज की तारीख में वह ढाई रुपए ढाई हजार से भी अधिक की रकम होगी। क्9भ्0 में पहला एक रुपया का सिक्का जारी किया गया, जिसमें गेहूं की बालियां थीं और यह प्योर निकेल का था। उस समय एक सिक्का लगभग क्ख् ग्राम का होता था। डॉ जंगबहादुर, एचओडी, पीजी हिंदी डिपार्टमेंट, आरयू -------------- फ्। रुपए में ढाई किलो चावल क्9भ्भ्-म्0 में एक रुपया बहुत मूल्यवान था। एक रुपए में ढाई किलो चावल मिलता था। क्9म्ब् में जब मैं मैट्रिक में पढ़ रहा था तो चार आने जेब खर्च के लिए मिलते थे, जो बहुत होते थे। तब दो आने में इतनी जलेबी मिल जाती थी कि पेट भर जाए। अव्वल तो हमें एक रुपया मिलता ही नहीं था पर कभी संयोग से मिल गया तो इतनी खुशी होती थी कि उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। डॉ नागेश्वर सिंह, पूर्व एचओडी, पीजी हिंदी डिपार्टमेंट, आरयू क्। सिनेमा देखने, खाने के बाद भी बचते थे पैसे क्9म्0 में एक रुपया बहुत बड़ी चीज हुआ करती थी। उस समय हमें जेब खर्च के लिए एक आना मिलता था। एक रुपया में सिनेमा देखकर और खाना खाकर भी कुछ पैसे बच ही जाते थे। उन्होंने बताया कि एक रुपया का जलवा हमेशा रहा। शादी-ब्याह हो या दक्षिणा देना, लोग शगुन के रूप में एक रुपया देते थे। डॉ तुलसी महतो, एक्स डायरेक्टर रिम्स 80 पैसे में मिलता था मशाला डोसा एक रुपये का नोट वर्ष क्978 में देखा था। तब एक रुपये के नोट का बहुत महत्व था और वह बच्चों को आसानी से मिलता भी नहीं था। तब रुपये की क्रय शक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक रुपये में चार पीस समोसा, कचौड़ी और जलेबी मिल जाती थी। पंजाब स्वीट हाउस में 80 पैसे में एक मसाला डोसा मिलता था। डॉ रवि भट्ट, संचालक इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी चुटिया ---------------------- एक रुपए में मिल जाते थे क्म् केले एक रुपये का नोट उन्होंने पहली बार तब देखा था जब वे चार साल के थे। तब यानि क्977 में एक रुपये में चार आने होते थे और एक रुपये में क्म् केले मिल जाते थे। दस पैसे में अच्छी आइसक्रीम मिलती थी और ख्0 पैसे में बहुत अच्छी क्रीम वाली आइसक्रीम मिलती थी। तब तीन महीने के स्कूल की फीस साढ़े सात रुपये हुआ करती थी। डॉ हेमंत नारायण हेड, कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट रिम्स --------------- एक रुपए के बंडल को रखा है संभालकर एक रुपये के नोट से उनकी यादें जुड़ी हुई है इसलिए एक रुपये के वर्ष क्98भ् के नोट का एक पूरा बंडल उन्हें संभाल कर रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष क्9भ्9 में जब वह पांच साल के थे तो पहली बार एक रुपये का नोट देखा था। तब मेरी दीदी एक आना दिया करती थी और उसमें मूंगफली और खीरा सब मिल जाया करता था। डॉ सुशील अंकन पीजी फिलॉस्फी डिपार्टमेंट, आरयू