21 अप्रैल 1913, यानी आज से ठीक 100 साल पहले, ओलंपिया थिएटर एक इतिहास का गवाह बनने जा रहा था. करीब एक साल पहले पुंडलिक नाम की एक हिंदुस्तानी फिल्म आ चुकी थी, लेकिन फिर भी लोगों की नजरें राजा हरिश्चंद्र पर टिकी थीं. असल में पुंडलिक काफी हद तक एक हिंदुस्तानी फिल्म थी लेकिन उसके सिनेमेटोग्राफर ब्रिटिश थे. पूरी तरह देसी फिल्म अभी भी दूर की कौड़ी थी. सो उस दिन को खास होना ही था. स्क्रीनिंग शुरू हुई.

हिंदुस्तान की पहली फिल्म, जिसमें आर्टिस्ट से लेकर टेक्नोलॉजी तक सब हिंदुस्तानी थी. 3700 फीट लम्बी फिल्म रील की ये फिल्म जब करीब 40 मिनट बाद खत्म हुई तो इतिहास लिखा जा चुका था. तालियों की गडग़ड़ाहट बता रही थी कि वहां मौजूद लोगों ने अपनी आंखों के सामने इतिहास बनता देखा है.

प्रोड्यूसर-डायरेक्टर दादा साहब फाल्के ने टेक्नोलॉजी के मामले में पिछड़े हिंदुस्तान में ये कारनामा कर दिखाया था, वो भी हॉलीवुड के अस्तित्व में आने के सिर्फ तीन साल बाद. 3 मई 1913 को पब्लिक के लिए रिलीज की गई ये फिल्म मुम्बई में तीन सिनेमाहॉल में रिलीज की गई. ये इतनी सक्सेसफुल हुई कि दादा साहब को इसके कुछ और प्रिंट बनाकर रिलीज करने पड़े.

100 years of entertainment

Trivia
- राजा हरिशचंद्र में सारी कास्ट मेल थी. फिल्म के फीमेल रोल के लिए कोई फीमेल एक्टर ना मिलने की वजह से औरतों के रोल भी मेल कास्ट ने किए.

- फिल्म की कास्ट के कॉस्ट्यूम और कपड़े धोने का जिम्मा दादा साहब फाल्के की वाइफ ने उठाया. वे खुद करीब 500 मेम्बर की कास्ट के लिए खाना पकाती थीं.

Must watch Hindi movies

- Devdas (1917)
- Andaaz (1945)
- Awaara (1951)
- Pyaasa (1957)
- Mother India (1957)
- Kaagaz Ke Phool (1959)
- Guide (1965)
- Mughal-e-azam (1960)
- Pakeezah (1972)
- Bobby (1973)
- Zanjeer (1973)
- Sholay (1975)
- Deewar (1975)
- Dilwale Dulhaniya Le Jayenge (1995)
- Dil Chahta Hai (2001)
- Jaane Bhi Do Yaaron (2007)
- Rang De Basanti (2006)
- 3 Idiots (2009)
key-100 years of entertainment, 100 years of cinema, indian cinema
meta-100 years of entertainment, 100 years of cinema, indian cinema

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk