मंडे नाइट को प्रसूता को हुई डिलीवरी

एक घंटे तक किया एंबुलेंस का इंतजार

<मंडे नाइट को प्रसूता को हुई डिलीवरी

एक घंटे तक किया एंबुलेंस का इंतजार

BAREILLY BAREILLY :

बरेली में जननी सुरक्षा योजना में जच्चा-बच्चा की देखभाल व इलाज में एक बार फिर बड़ी नाकामी सामने आई है। गर्भवती महिलाओं को जल्द मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार ने क्0ख् व क्08 इमरजेंसी एंबुलेंस की जो सुविधा शुरू की, वह मंडे रात खोखली साबित हुई। क्08 इमरजेंसी एम्बुलेंस में डीजल न होने की लापरवाही की कीमत एक नवजात को जान देकर चुकानी पड़ी। मामला संज्ञान में आने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सीएमओ ने पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है।

पीएचसी पर हंगामा

मंडे रात को बिशारतगंज निवासी प्रभाल श्रीवास्तव की पत्‍‌नी आरती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। पति ने पत्‍‌नी को पीएचसी तक पहुंचाने के लिए क्08 एंबुलेंस की हेल्पलाइन पर फोन किया। लखनऊ स्थित मुख्यालय पर फोन रिसीव हुआ। मुख्यालय ने मझगंवा पीएचसी की एंबुलेंस को लाइन पर लिया, लेकिन ड्राइवर ने डीजल नहीं होने की बात कहकर प्रसूता को लाने में असमर्थता जताई। प्रसूता को जब एंबुलेंस नहीं मिली, तो पति ऑटो से लेकर उसे मझगवां पीएचसी पहुंचा। जहां पर प्रसूता ने नवजात को जन्म दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद उसने दम तोड़ दिया। इससे गुस्साए परिजनों ने पीएचसी पर काफी हंगामा किया।

न डीजल भराया, न फोन उठाया

हेल्पलाइन मुख्यालय ने क्08 एम्बुलेंस के ड्राइवर से वाहन में डीजल नहीं भराने पर जवाब मांगा तो ड्राइवर ने कहा कि उसे दो माह से वेतन नहीं मिला है, इसलिए तेल नहीं डलवाया है। इसके बाद मुख्यालय ने आंवला और रामनगर की पीएचसी की एबुलेंस के ड्राइवर को फोन किया। लेकिन इन ड्राइवर्स ने फोन रिसीव नहीं किया। इस पर मुख्यालय ने क्0ख् एंबुलेंस के ड्राइवर को फोन किया। इस एम्बुलेंस के ड्राइवर ने जच्चा और बच्चा को सिर्फ घर पहुंचाने की जिम्मेदारी होने की दलील दे दी। प्रसूता को एंबुलेंस मुहैया कराने के लिए एक घंटे तक मशक्कत चलती रही, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिल सकी।

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अधीनस्थों से रिपोर्ट तलब की है कि प्रसूता को एंबुलेंस क्यों समय से नहीं मिल सकी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। विजय यादव, सीएमओ