50 से अधिक बच्चे भर्ती

मध्याह्न भोजन खाने से भोजन बनाने वाली रसोइया की भी मौत की भी सूचना है। वहीं सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि सब्जी में तारपीन का तेल या कीटनाशक मिला हो सकता है, जिसे खाने से यह घटना हुई। छपरा सदर अस्पताल में 50 से अधिक बच्चों को भर्ती कराया गया है। इनमें से कई की हालत नाजुक है।

कीटनाशक मिले भोजन खाने से मौत

घटना की सूचना मिलते ही महाराजगंज सांसद प्रभुनाथ सिंह,सारण कमिश्नर शशिशेखर शर्मा, जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा, पुलिस कप्तान सुजीत कुमार समेत आलाधिकारी व विधायक सदर अस्पताल पहुंचे और पीडि़तों का सही ढंग से इलाज करने का चिकित्सकों को निर्देश दिया। सदर अस्पताल के चिकित्सक बच्चों का इलाज तत्परता से करने में जुटे हैं। बच्चों का इलाज कर रहे चिकित्सक केएन दुबे ने बताया कि पीडि़त बच्चों में जो लक्षण दिख रहे हैं उससे लगता है कि कीटनाशक मिले भोजन खाने से मौत हुई है। मृत बच्चों का शीघ्र पोस्टमार्टम कराकर उनके परिजनों को सौंपने व एम्बुलेंस से उनके घर तक पहुंचाने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है।

सभी को बच्चों के इलाज में लगा दिया गया

जानकारी के मुताबिक नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में रोजाना की तरह मंगलवार को भी बच्चों ने मध्याह्न भोजन किया गया। भोजन करने के कुछ देर बाद से ही  बच्चे उल्टी करने लगे। खाने में चावल व सब्जी बनी थी। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीणा कुमारी ने बताया कि जिन बच्चों ने सब्जी खाई है उनकी ही हालत बिगड़ी है। लगता है कि सब्जी में ही कीटनाशक या जहर मिला हुआ था। उन्होंने बताया कि जब बच्चों की स्थिति बिगडऩे लगी तो उन्हें पीएचसी में भर्ती कराया गया। यहां वर्ग एक के अंशु कुमार व आशीष कुमार की मौत हो जाने के बाद अन्य की हालत बिगड़ती देख सभी को छपरा सदर अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल में अब तक आठ बच्चों की मौत हो चुकी है। मृत बच्चों में काजल कुमारी, राहुल कुमार, दीपू कुमार, प्रहलाद कुमार,अजय कुमार, सोनी कुमारी, बेबी कुमारी एवं बिट्टू कुमारी का नाम शामिल है। इसके अलावा चार दर्जन से अधिक बच्चों का इलाज यहां चल रहा है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक शंभूनाथ सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में जितने भी चिकित्सक उपलब्ध हैं सभी को बच्चों के इलाज में लगा दिया गया है।