- सुबह पीटी ग्राउंड में पड़ा था छात्र को दौरा

- ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान हुई मौत

- बिना पोस्टमार्टम परिजन ले गए डेडबॉडी

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- सुबह पीटी ग्राउंड में पड़ा था छात्र को दौरा

- ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान हुई मौत

- बिना पोस्टमार्टम परिजन ले गए डेडबॉडी

LUCKNOW:

LUCKNOW:

राजधानी के महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मडि़यांव स्थित स्कूल में छात्र की अचानक तबीयत खराब हुई तो स्कूल मैनेजमेंट उसे हॉस्पिटल लाया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्ले ग्राउंड में पड़ा दौरा

पीपरा गौतम थाना नगर बाजार बस्ती निवासी अशोक सिंह का बेटा आदित्य सिंह (क्म्) मडि़यांव के आईआईएम रोड स्थित महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल में क्क्वीं का स्टूडेंट था। अशोक के बड़े भाई रंजीत सिंह महानगर स्थित वायरलेस डिपार्टमेंट में हेड ऑपरेटर हैं। उनकी देख रेख में ही आदित्य स्कूल हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा था। स्कूल की प्रिंसिपल डा। आभा भगत ने बताया कि शनिवार सुबह करीब छह बजे पीटी ग्राउंड में आदित्य खेल रहा था, तभी उसे दौरा पड़ गया और वह मैदान में गिर गया। सिर पर चोट लगने से वह घायल हो गया था। घायल छात्र को इलाज के लिए ट्रॉमा लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बीमारी को बताया मौत की वजह

आदित्य के अंकल रंजीत सिंह लखनऊ में ही रहते हैं। आदित्य के हॉस्पिटल में होने की सूचना पर वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि आदित्य को न्यूरोटिक डिसऑर्डर की बीमारी थी। वहीं पुलिस और परिवार को आदित्य की बॉडी पर किसी तरह के कोई निशान नहीं मिले हैं। परिवार ने आदित्य की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम कराने से भी इंकार कर दिया और उसकी बॉडी लेकर बस्ती चले गए। वहीं स्कूल प्रशासन भी इस मामले में किसी तरह की लापरवाही से इंकार कर रहा है।

दो दिन पहले भी पड़ा था दौरा

प्रिंसिपल डॉ। आभा भगत ने बताया कि आदित्य को न्यूरो की बीमारी थी। जिसका ट्रीटमेंट भी चल रहा था। दो दिन पूर्व उसे क्लास रूम में दौरा पड़ा था। कुछ देर के लिए वह बेहोश भी हो गया था। शनिवार को दौरा पड़ते ही स्कूल प्रशासन ने आदित्य के अंकल रंजीत को इसकी जानकारी दी।

लिखित कम्प्लेंट नहीं

मडि़यांव थाना प्रभारी राघवन कुमार सिंह ने बताया, अब तक की जांच में पता चला है कि छात्र बीमार था और सुबह बेहोश होकर गिरा था। इसके बाद हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई। परिवार ने किसी तरह की लिखित कम्प्लेंट नहीं दी। न ही किसी पर आरोप लगाया है। परिवार शिकायत दर्ज कराता है तो मामले की गहना से जांच की जाएगी।