आई एक्सक्लूसिव

-नगर निगम की जांच रिपोर्ट में 11 हजार से ज्यादा एलईडी स्ट्रीट लाइट गायब होने का खुलासा

-कंपनी ने किया 92073 लाइट लगाने का दावा, पार्षदों की शिकायत के बाद जांच में निकलीं सिर्फ 80981

- जोन-3, 4 और 5 में सबसे ज्यादा एलईडी लाइटें हुई गायब, ईईएसएल और नगर निगम आमने सामने

-जांच के लिए अब नई कमेटी का किया गया गठन, शहर में स्ट्रीट लाइटों की स्थिति हुई बेहद खराब

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KANPUR: बिजली की बढ़ती खपत और बेकाबू होते बिल को रोकने के लिए पूरे शहर को एलईडी स्ट्रीट लाइट से रोशन किया गया है। लेकिन, केंद्र सरकार की उजाला फैलाने की इस योजना में कानपुर में 12 करोड़ से ज्यादा की रोशनी 'चोरी' हो गई है। जी हां सही पढ़ा आपने, चोरीपार्षदों की शिकायत पर नगर आयुक्त ने सभी 110 वार्डो में एलईडी लाइट की जांच कराई तो लगभग 11,020 से ज्यादा एलईडी लाइटें गायब मिलीं। इस जांच रिपोर्ट के बाद एलईडी लाइट लगाने वाली कंपनी ईईएसएल के होश उड़ गए। जबकि कंपनी का दावा है कि पूरी एलईडी लाइट लगाई गई हैं। इसका पूरा रिकॉर्ड है। मामले को लेकर नगर निगम और ईईएसएल आमने-सामने आ गई हैं। वहीं कंपनी ने दोबारा जांच के लिए कहा है। इन सब के बीच सवाल ये है कि आखिर पब्लिक के 'उजाले' पर डाका किसने डाला? और कौन-कौन इसमें भागीदार है?

लाइट लगाने का कार्य बंद

नगर निगम और ईईएसएल की आपसी लड़ाई में शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य बंद हो गया है। पिछले 1 महीने से शहर में एक भी एलईडी लाइट नहीं बदली गई है। ईईएसएल कानपुर प्रभारी आदित्य वशिष्ठ ने बताया कि एलईडी लाइट की जांच के लिए 20 जुलाई और 3 अगस्त को भी पत्र लिखकर ज्वाइंट टीम बनाकर जांच के लिए लिखा था। लेकिन नगर निगम द्वारा बिना ईईएसएल को शामिल किए, जांच पूरी की गई। पिछले कार्यो का ही वैरिफिकेशन लेटर नहीं दिया गया। ऐसे में आगे कार्य करना बेहद मुश्किल है। जबकि शहर में लगभग 25,000 लाइटों को ब्लैंक पोल पर लगाया जाना है। जांच पूरी होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।

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जोन-3 में सबसे ज्यादा डिफरेंस

ईईएसएल कंपनी द्वारा शहर में सभी सोडियम स्ट्रीट लाइटों को बदलकर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। नगर निगम और ईईएसएल के बीच 91,933 लाइट बदलने का एमओयू हुआ था। जिसे ईईएसएल के मुताबिक पूरा कर लिया गया है। जबकि नगर निगम की जांच में 11,020 एलईडी स्ट्रीट लाइट कम मिली हैं। वहीं जोन- 3 में जांच में पाया गया कि 3,249 लाइटें कम हैं, इसी प्रकार जोन-4 में 2,297 और जोन-5 में 2,284 लाइटें गायब मिली हैं। ऐसे में अब सवाल खड़े हो गए हैं कि 11,020 लाइटें कहां गई?

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सड़कों पर छाया अंधेरा

विभागों की आपसी लड़ाई में जनता पिस रही है। सड़कों और वार्डो में स्ट्रीट लाइटों की बात करें तो रात की जगह दिन में स्ट्रीट लाइटें जल रही हैं। फजलगंज, किदवई नगर, सर्वोदय नगर रोड समेत कई इलाकों में रात की बजाय दिन में लाइटें जलती हैं और रात में सड़कों पर अंधेरा छाया रहता है। विभाग इस कदर लापरवाह हैं कि सर्वोदय नगर रोड पर नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा के 2 बार निरीक्षण के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

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नगर निगम की जांच में मिला डिफरेंस

जोन ईईएसएल जांच में मिलीं डिफरेंस

जोन-1---8546 7993 144

जोन-2---20366 19269 987

जोन-3---16900 13590 3249

जोन-4-- 9026 5826 2297

जोन-5---18729 16183 2284

जोन-6---18506 18120 220

कुल---- 92073 80981 11020

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ईईएसएल कंपनी की मांग पर अब ज्वॉइंट टीम का गठन किया गया है। मंडे से ज्वॉइंट टीम में ईईएसएल के जेई भी मौजूद रहेंगे। रात में स्ट्रीट लाइटों की गिनती का कार्य मंडे से शुरू कर दिया जाएगा। जांच में सब साफ हो जाएगा।

-आरके पाल, प्रभारी मार्ग प्रकाश विभाग, नगर निगम।

फैक्ट फाइल

91,933 लाइटें लगाने के लिए हुआ था ईईएसएल से समझौता

92073 एलईडी लाइट लगाने का कंपनी ने किया है दावा

80981 लाइटें ही लगी मिलीं नगर निगम की जांच में

11020 लाइटों का अंतर है दावे और जांच रिपोर्ट में

11000 रुपए में एक लाइट के लिए 7 साल का समझौता

1200 लाख से ज्यादा का घोटाला आ रहा है सामने

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