- शिकारी चाय पीने गए और गुलदार ले गया अपना शिकार

- गुलदार के आतंक के बाद मचान बना नीचे बांधा था शिकार

- वन विभाग ने गुलदार को घोषित किया आदमखोर

DEHRADUN : फुलसनी में क्0 साल के कृष्णा को मारने वाला गुलदार वन विभाग के पहरे के बीच उसे मारने के लिए रखे गए 'शिकार' को उठा ले गया। गुलदार मारने के लिए मौके पर जमी वन विभाग की टीम और शिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सैटरडे नाइट हुई वन विभाग की इस किरकिरी के बाद से न तो गुलदार का पता लगा है और नहीं मौके से उठाए शिकार का कोई अंग मिला है।

तार से बांधा था बकरा

प्रेमनगर क्षेत्र के फुलसनी गांव में फ्राइडे इवनिंग में कृष्णा को उठाकर ले गया गुलदार, सैटरडे को कृष्णा शव मिलने और मौके पर भारी भीड़ उमड़ने के बाद भी वहां से नहीं भागा। इसलिए स्थानीय लोगों ने गुलदार को नरभक्षी बताते हुए उसे आदमखोर घोषित करने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद गुलदार को मारने के लिए जिस जगह पर कृष्णा का शव मिला, वहां शाम छह बजे एक बकरा तार से बांधा गया था और उससे करीब ख्0 फीट दूर मचान पर शिकारी चढ़ा दिए गए थे। यहां से करीब साढ़े सात बजे शिकारी उतरकर चाय पीने चले गए। इस बीच एक बार बकरे की आवाज सुनाई दी। आवाज सुन वन विभाग के कर्मचारी और शिकारी उस तरफ दौड़े तो तार से बकरा गायब था। सैटरडे देर रात के बाद संडे सुबह फिर वन विभाग कर्मचारियों ने आसपास पड़ताल शुरू की, लेकिन न तो गुलदार का पता लगा और न ही बकरा का कोई अंग मिला।

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कैसे बांधा था तार

इस घटना के बाद संडे सुबह जब स्थानीय लोगों को बकरा गायब होने का पता लगा तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग की लापरवाही से गुलदार लगातार आस-पास के क्षेत्र में होने के बावजूद मारा नहीं जा रहा है।

मुरादाबाद से पहुंचा एक एक्सपर्ट शिकारी

सैटरडे लेट नाइट तक वन विभाग की लापरवाही के बाद संडे को मुरादाबाद से शिकारी संजय सिंह को बुलाया गया है। जबकि डा। प्रशांत सिंह, सुधीर राघव सहित पांच स्थानीय शिकारी पहले से ही मौके पर तैनात किए गए हैं।

घोषित किया आदमखोर

वन विभाग ने कृष्णा को मारने वाले गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया है। वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डीबीएस खत्री ने इसकी पुष्टि की और बताया कि गुलदार को मारने के लिए मौके पर शिकारी लगातार सर्चिंग में जुटे हैं।