जमीन के मामले में हाईकोर्ट को झूठी रिपोर्ट देने में एक दर्जन अफसर कर्मचारियों पर हो सकती है कार्रवाई

-बिना अधिग्रहण, मुआवजा और सड़क बनाए कोर्ट दी गलत जानकारी, कहा यूज कर ली गई यह जमीन

-राष्ट्रपति के घर को जाने वाली आधी-अधूरी सड़क का मामला, इंजीनियरिंग व प्रॉपर्टी सेक्शन में दशहत

KANPUR: जमीन के एक मामले में हाईकोर्ट को झूठी रिपोर्ट देकर केडीए के 12 अफसर और कर्मचारी फंस गए हैं। इनमें से लगभग आधा दर्जन ऑफिसर्स व इम्प्लाइज पर सस्पेंशन की गाज गिर सकती है। इस कार्रवाई की जद में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, एक्सईएन और तहसीलदार जैसे ऑफिसर भी आ रहे हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर आरोप पत्र भेजे जा सकते हैं। इसी वजह से केडीए ऑफिसर्स ने मामला पूरी तरह से गोपनीय रखा है। इससे केडीए के इंजीनियरिंग व प्रॉपर्टी सेक्शन के ऑफिसर व इम्प्लाई दशहत में हैं।

करोड़ों की है जमीन

मामला इन्द्रा नगर हाउसिंग स्कीम से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2003 के करीब इस स्कीम की कनेक्टिविटी के लिए बैरी अकबर बांगर की लगभग 5800 स्क्वॉयर मीटर जमीन को अधिग्रहण करने का प्रपोजल बनाया गया। जिसकी कीमत अब करोड़ों रूपए हो चुकी है। इस जमीन को लेकर वर्ष 2004-05 में हरिमोहन गुप्ता व रमेश चन्द्र गुप्ता हाईकोर्ट चले गए। मामले की सुनवाई के दौरान केडीए ऑफिसर्स ने हाईकोर्ट को जमीन का यूज किए जाने की जानकारी दी। इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देने सहित अन्य डायरेक्शन दिए।

न सड़क बनी, न जमीन कब्जे में

हाईकोर्ट के डायरेक्शन के बाद केडीए के मौजूदा ऑफिसर्स ने मामले को लेकर जांच शुरू करा दी। जांच में जो जानकारी सामने आई उससे केडीए ऑफिसर्स के पैरों तले जमीन खिसक गई है। फाइल खंगालने पर पता चला कि यह जमीन न तो अभी तक केडीए अधिग्रहीत कर अपने कब्जे में ले सका है और न ही इस पर सड़क बनाई गई है। पर मास्टर प्लान में इस जमीन से सड़क गुजरी है। हाउसिंग स्कीम के लेआउट में भी जमीन के हिस्से को सड़क दिखाया गया है। वहीं हाईकोर्ट में केडीए ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान कहा कि जमीन इस्तेमाल कर ली गई है। इससे केडीए को नुकसान उठाना पड़ा। फैसला उसके पक्ष में नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने याचिकर्तओं को मुआवजा देने को कहा है।

डीएम तक जाएगा मामला

हाईकोर्ट की डायरेक्शन के बाद केडीए इस मामले को डीएम के पास भी ले जाने की तैयारी कर रहा है। जिससे इस मामले को हल किया जा सके। क्योंकि न तो रोड बनाई गई है और न ही अन्य किसी उपयोग में केडीए ने फिलहाल जमीन इस्तेमाल की है। केडीए के सेक्रेटरी केपी सिंह ने बताया कि जल्द ही डीएम के पास इस मामले को ले जाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कार्रवाई की किसी जानकारी से इंकार किया।

राष्ट्रपति के घर को जाती है यह सड़क

लंबे समय से अधूरी पड़ी रोड के इस हिस्से को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता भी रही है। लोग जानने कि कोशिश करते रहे कि किस वजह से अच्छी-खासी चौड़ी सड़क के इस हिस्से को क्यों नहीं बनाया जा सका है? रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके घर को भी जाने वाली सड़क और चर्चा में आ गई है।