कुछ ऐसा कहते हैं अधिकारी
जानकारी देते हुए रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात पर प्रकाश डाला है. अधिकारी का कहना है कि 12 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने हीरक चतुर्भुज बुलेट ट्रेन हाईस्पीड नेटवर्क परियोजना के तीन गलियारों के लिए व्यावहार्यता अध्ययन करने में आगे बढ़कर अपनी रुचि इसमें दिखाई है. इसके मद्देनजर परियोजना के जल्द और बेहतरीन तरीके से शुरू किए जाने की बात तो साफ तौर पर कही जा सकती है.

कौन-कौन से रूट का होगा अध्ययन
इस परियोजना के तहत दिल्ली-मुंबई, मुंबई-चेन्नई, नई दिल्ली-कोलकाता के बीच गलियारे के लिए व्यावहार्यता के तौर पर गहराई से अध्ययन किया जाएगा.  इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सर्वे का ठेका पाने के लिए चीन से चार कंपनियों, जर्मनी से डीबी इंटरनेशनल, फ्रांस से साइस्त्रा, स्पेन से स्नेर, इटली से इतालसेर ने खुद को दौड़ में शामिल कराया है. इनके साथ ही बेल्जियम से भी एक कंपनी इस दौड़ में प्रमुखता के साथ शामिल है.

एक ही कंपनी को मिलेगी सर्वे की इजाजत
आगे उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना के तहत एक गलियारे पर एक ही कंपनी को सर्वे की इजाजत दी जाएगी. इसको लेकर बोलियां इसी हफ्ते से खोली गईं हैं. इसके बाद अब विजेता की घोषणा जुलाई में की जाएगी. उनका कहना है कि व्यावहारिकता के तौर पर अध्यन करने पर 30 करोड़ रुपये का खर्च सामने आने का अनुमान लगाया जा रहा है. फिलहाल इस समय चीन दिल्ली-चेन्नई मार्ग की व्यवहारिकता का गहराई के साथ अध्ययन कर रहा है.

बदल जाएगा दिल्ली से मुंबई तक पहुंचने का समय
बताया जा रहा है कि इस परियोजना के बाद दिल्ली से मुंबई तक के सफर का समय राजधानी एक्सप्रेस गाड़ी से पूरा-पूरा आधा हो जाएगा. अभी फिलहाल ये राजधानी एक्सप्रेस दिल्ली से मुंबई तक पहुंचाने में 16 घंटे का समय लेती है. तो अब देखते हैं कि परियोजना कितनी जल्दी अमल में आ सकती है और उसके बाद कौन-कौन इसके लाभ को वहन कर सकेगा.

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