RANCHI: बुधवार को इंस्पेक्शन करने आई सेंट्रल टीम ने रिम्स को कैंसर विंग के लिए फिट बताया है। अब यह टीम केंद्र सरकार को रिपोर्ट करेगी। उसके बाद कैंसर विंग के लिए 120 करोड़ रुपए केंद्र सरकारी की ओर से दी जाएगी। इससे तमाम जरूरी इक्विपमेंट्स खरीदे जाएंगे। साथ ही ओटी और वार्ड की भी व्यवस्था सुधारी जाएगी। यह जानकारी सेंट्रल टीम के मेंबर व मौलाना अब्दुल कलाम आजाद कॉलेज के एचओडी डॉ किशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि रिम्स की ओर से आंकोलॉजी विंग को लेकर रिपोर्ट भेजी गई थी, उसी का वेरिफिकेशन करने सेंट्रल टीम आई हुई थी।

120 करोड़ खर्च से विभाग होगा अपग्रेड

टीम में शामिल डॉ। किशोर सिंह ने बताया कि रिम्स से ओंकोलॉजी विंग को लेकर रिपोर्ट भेजी गई थी। उसी के वेरीफिकेशन के लिए टीम आई है। इंस्पेक्शन के बाद हमलोग सेंट्रल गवर्नमेंट को रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं सेंट्रल से कैंसर विंग को अपग्रेड करने के लिए 120 करोड़ रुपए मिलेंगे। इससे जरूरत के सारे इक्विपमेंट्स की खरीदारी की जाएगी। साथ ही ओटी और वार्ड में व्यवस्था को भी सुधारा जाएगा।

विभिन्न विभागों का इंस्पेक्शन

इससे पहले सेंट्रल टीम ने रिम्स के विभिन्न विभागों का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान टीम रिम्स पहुंचते ही डायरेक्टर आफिस गई और वहां से पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में जाकर व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद टीम सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग के ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में जाकर वहां की व्यवस्था देखी। इस दौरान टीम में मौलाना अबुल कलाम आजाद कालेज के एचओडी डॉ.किशोर सिंह, डॉ.विकास यादव और स्वास्थ्य मंत्रालय के इवैल्युएशन आफिसर डॉ। विनय भूषण शामिल थे। वहीं, डॉ। अनूप ने टीम को ओंकोलॉजी का ओटी भी दिखाया। ओटी देख दिल्ली से आई टीम ने संतोष जताया। इसके बाद टीम गायनी ओपीडी पहुंची और कैंसर की स्क्रीनिंग के बारे में भी जानकारी ली।

120 करोड़ में क्या-क्या होगा।

-कैंसर मरीजों के लिए ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में अलग-अलग वार्ड बनेंगे।

-सर्जिकल ओंकोलॉजी, मेडिकल ओंकोलॉजी व हेमैटोलॉजी ओंकोलॉजी वार्ड में अलग-अलग

-कैंसर मरीजों का इलाज और बेहतर तरीके से हो सकेगा।

-सबसे ज्यादा सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर के मरीज

-हास्पिटल में डॉक्टर और स्टाफ भी बढ़ाए जाएंगे

20 बेड के इनडोर में चल रहा इलाज

ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में कैंसर से पीडि़त मरीजों के लिए आइसीयू में 20 बेड की व्यवस्था की गई है। जहां कैंसर के मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रबंधन ने बेड बढ़ाने का फैसला किया था। बताते चलें कि शुरुआत में ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में मरीजों के लिए केवल डे केयर की व्यवस्था थी, जहां दिन में इलाज कराने के बाद मरीज अपने घर चले जाते थे।