सर्वे के दौरान जनता के फीडबैक के हैं 1250 अंक

स्वच्छता सर्वेक्षण से अंजान शहरवासी, नहीं हुआ प्रचार-प्रसार

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए निगम के दावे भले ही जीत का आश्वासन देने के लिए काफी हो, लेकिन हकीकत यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम साफ-सफाई तो दूर प्रचार-प्रसार भी नहीं कर सका। सर्वे के दौरान निगम की साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति योजनाओं की जानकारी के लिए सर्वे टीम शहर के लोगों से फीड बैक लेगी। इसके लिए 5 हजार में से 1250 अंक निर्धारित हैं। ऐसे में यदि शहरवासियों ने निगम के पक्ष में फीड बैक नहीं दिया, तो परेशानी खड़ी हो सकती है।

लोगों से बातचीत करेगी टीम

इस फीड बैक में स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम द्वारा कराई गई शहर की सफाई और साफ-सफाई समेत कूड़ा निस्तारण के लिए निगम की योजनाओं के बारे में सर्वे टीम शहरवासियों से बातचीत करेगी, लेकिन निगम ने इसे सिर्फ वॉल पेंटिंग और गुब्बारे तक सीमित कर छोड़ दिया।

साफ-सफाई भी नही

वहीं फीडबैक के सबसे अहम सवाल कूड़ा निस्तारण और साफ सफाई में ही सर्वे टीम को लोगों के जवाब निगम के दावों के विपरीत मिल सकते हैं। क्योकि निगम की सफाई व्यवस्था और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था अभी तक शहर के सभी वार्डो में शुरु नहीं सकी है। इससे अलग कई ऐसे मानकों के भी अंक हैं, जिनसे ज्यादातर शहरवासी अनजान हैं। जिनमें गीले और सूखे कूडे़ के मानक के अनुसार निस्तारण के लिए 375 अंक, मल निस्तारण के लिए 163 अंक, जागरुकता कार्यक्रम 63 अंक, शौचालयों की लोकेशन गूगल पर अपलोड के 60 अंक आदि में निगम अभी अधर में हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी तो है लेकिन फीड बैक देना है यह नहीं पता। यदि टीम ने सवाल पूछे तो जो स्थिति है वही बताएंगे और सच यह है कि साफ-सफाई कहीं नही है।

विनोद शर्मा

फीड बैक के लिए टीम को कुछ पूछने की जरुरत ही नहीं पडे़गी क्योंकि शहर की सड़कों पर गंदगी और कूड़ा उनके सवालों का खुद जवाब दे देगा।

मनोज

स्वच्छता सर्वेक्षण टीम को फीड बैक के लिए शहर की मलिन बस्तियों में जाना चाहिए। असली जवाब तो वहीं मिलेगा।

अरुण

बोर्ड से दे रहे जागरूकता का संदेश

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए शहर की रैकिंग में सर्वोच्च अंक पाने के लिए लोगों का जागरुक होना बेहद जरुरी है। कैंट बोर्ड के सहयोग से स्वच्छता सर्वेक्षण में पूछे जाने वाले सवाल भी पहले से ही बताए जा रहे हैं। वही देश के स्वच्छ शहरों की रैकिंग के लिए 4 जनवरी से 31 जनवरी तक स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के तहत शहरी विकास मंत्रालय एंव आवास की तरफ से टीमें देशभर के शहरों अलग-अलग शहरों में निरीक्षण किया जाएगा।

कैंट में लगे बोर्ड

कैंट में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जगह-जगह स्वच्छता के बोर्ड लगाए गए हैं। इसमें स्वच्छता बनाए रखने के लिए समझाया गया है। कैंट की रैकिंग इस समय कैंट बोर्ड पर निर्भर है। कैंट बोर्ड के सीईई अनुज सिंह ने बताया कि कैंट में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है, साथ ही सभी कर्मचारियों को दो समय सफाई करने के आदेश हो चुके है।