क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स में बुधवार को आई डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की टीम ने 13 साल की सीता का कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया. अब सीता की आंखों की रौशनी लौट आएगी और वह फिर से देख सकेगी. डॉ. सुनिल कुमार के नेतृत्व में डॉ. शिल्पी दुबे, डॉ. मृणाल सिंह, डॉ. संजय कुमार की टीम ने सफल ऑपरेशन किया. डॉ. मृणाल ने बताया कि बच्ची को शुरू से ही दाहिने आंख से कुछ दिखाई नहीं देता था. इसके बाद बच्ची को लेकर पेरेंट्स रिम्स आए. हमलोगों ने उन्हें लाइनअप करके रखा था कि जैसे ही कोई डोनर मिलेगा उसका ऑपरेशन कर दिया जाएगा. बुधवार को रोड एक्सीडेंट के बाद 25 साल के युवक प्रदीप तिर्की को रिम्स लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने उसका आई डोनेट करने की इच्छा जताई. आनन-फानन में आई डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने कॉर्निया कलेक्ट कर तत्काल ट्रांसप्लांट कर दिया. बताते चलें कि डोनर के इंतजार में अब भी सैकड़ों मरीज हैं, जिनका आपरेशन किया जाना है.

फिर से बोल व सुन सकेंगे चार बच्चे

रिम्स के ईएनटी में चार बच्चों का कॉक्लियर इंप्लांट किया गया. इसके बाद से ये चारों बच्चे आम लोगों की तरह ही सुनने और बोलने लगेंगे. इनमें रामगढ़ की पांच साल की आलिया फिरदौस, तीन साल की अनन्या कुमारी, कांके के साढ़े तीन साल के रेहान अली व ढाई साल की प्रियांशु शामिल हैं. यह आपरेशन ईएनटी की टीम ने 28 व 29 मार्च को किया था. बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से आए डॉ राजेश कुमार के निर्देशन में ईएनटी के एचओडी डॉ पीके सिंह, डॉ संदीप कुमार, डॉ बीके सिन्हा, डॉ आरके पांडेय, डॉ चंद्रकांति बिरुआ, डॉ राजेश चौधरी व डॉ जेडएम खान ने दो दिनों में चारों ऑपरेशन किए. इस आपरेशन का पूरा खर्च सेंट्रल गवर्नमेंट ने उठाया है. डॉ पीके सिंह ने कहा कि डॉ विश्वकर्मा कॉक्लियर इंप्लांट के स्पेशलिस्ट हैं. इसके अलावा टीम में डॉ निभा निहारिका कुमार, डॉ रचना प्रसाद, डॉ ऑलेख, डॉ गजेंद्र, डॉ राजीव किस्कु, एनेस्थिसिया के डॉ शांति प्रकाश, डॉ मोनिका गुलाटी, डॉ कुंदन, डॉ प्रियंका व डॉ अनिवेश ने भी सपोर्ट किया. दो महीने बाद बच्चों की स्पीच थेरेपी शुरू कर दी जाएगी.