RANCHI: सिटी के 40 सम्पन्न राशन कार्ड धारियों पर जिला प्रशासन की गाज गिरी है। एडमिनिस्ट्रेशन ने इन 40 कार्डधारियों पर 14 लाख 24 हजार का जुर्माना लगाते हुए इन्हें नोटिस जारी कर दिया है। इन सभी दोषी राशन कार्डधारियों को एक सप्ताह के भीतर जुर्माना कोषागार में जमा करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। साथ ही इन्हें राशन कार्ड सरेंडर कर देना है अन्यथा कार्ड का प्रत्यर्पण या अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं करने पर झारखंड कंट्रोल आर्डर की धारा 7 के अनुरूप प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

डीलर्स भी हुए सस्पेंड

प्रशासन ने कुछ डीलरों को बिना जांच-पड़ताल और शपथ पत्र लिए ही राशन वितरण करने का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। शनिवार को 3 सम्पन्न लोगों को राशन देने वाले 8 डीलरों के लाइसेंस को सस्पेंड किया गया।

मार्केटिंग अफसर को शो-कॉज

सिटी में पदस्थ तीन मार्केटिंग ऑफि सर नरेश प्रसाद, अशोक सिंह और अजय सिंह को पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के आरोप में शो-कॉज देने को कहा गया है। अभी भी हजारों सम्पन्न परिवारों के लोगों ने फरजी दस्तावेजों के आधार पर कार्ड लिया हुआ है जिनकी पड़ताल की जा रही है। जल्द ही इनके विरुद्ध मस्जिस्ट्रेट और पुलिस बल के साथ छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।

जुलाई था सरेंडर माह

राशन कार्ड निर्माण में अमीरों के घालमेल को उजागर करने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। गलत तरीके से राशन कार्ड बनाने वालों को जुलाई माह तक कार्ड सरेंडर कर देना था। डीसी आर महिमापत रे ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए एक जांच कमिटी बनाने का निर्देश जारी किया था।

इन्हें लौटाना होगा राशन कार्ड

जांच के दौरान अयोग्य श्रेणी के कार्डधारियों पर कार्रवाई होगी। बताया गया कि परिवार का कोई सदस्य इनकम टैक्स या सर्विस टैक्स दाता हो, पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि या दस एकड़ से अधिक भूमि का मालिक हो, परिवार के किसी सदस्य के नाम पर चारपहिया वाहन हो, सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम, परिवार में रेफ्रीजरेटर या वाशिंग मशीन हो, परिवार के पास पक्की दीवार, छत के साथ तीन या इससे अधिक कमरों वाला मकान हो, परिवार के पास मशीन चालित पहिए वाला कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर इत्यादि उपलब्ध हो तो ऐसे परिवारों को अपना राशन कार्ड वापस करना होगा।

वर्जन

कई लोगों ने फरजी तरीके से राशन कार्ड बनवा लिया है ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी गई है। पहले चरण में 40 लोगों पर लाखों रुपए का फाइन काटा गया है। यह गरीबों के लिए आहार सुनिश्चित करने की योजना है लेकिन अमीर लोग इसपर गलत तरीके से कब्जा किए हुए हैं, जिन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।

नरेन्द्र कुमार गुप्ता, डीएसओ, रांची