-आदिवासी समुदाय के 1500 लोगों का जत्था राजधानी पहुंचा

-राजभवन के पास प्रदर्शन, गवर्नर को सौंपा ज्ञापन

RANCHI: हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर करीब क्भ्00 पैदल यात्रियों का जत्था शुक्रवार को रांची पहुंचा। इससे पहले इंसुलेटर फैक्ट्री मैदान में सभी का स्वागत हुआ। पूर्व सीएम मधु कोड़ा व विधायक गीता कोड़ा की अगुवाई में जनसभा हुई। मधु कोड़ा ने कहा कि झारखंड में बोली जानी वाली प्रमुख चार भाषाओं में एक हो भाषा भी है। इसे आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, असम में हो भाषा बोली जाती है। नामकुम में जनसभा के बाद जत्था राजभवन के लिए रवाना हो गया। राजभवन के पास हो भाषा भाषियों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में सुरा बिरूली, गब्बर सिंह हेंब्रोम, भूषण पाटपिंगुवा, संजय बोयपोई, मंगल सिंह जामुदा सहित तमाम लोग शामिल थे।

क् अगस्त से पदयात्रा शुरू

हो आदिवासी समुदाय के क्भ् सौ लोगों की पदयात्रा जमशेदपुर में क् अगस्त को शुरू हुई थी। सुरा बिरूली और राजेश कान्देयन के जत्था रांची पहुंचा है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले लोग रांची पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

क्या हैं मांगें

हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

सरना धर्म कोड लागू हो।

मानकी मुंडा व्यवस्था मजबूत हो।

विश्वविद्यालयों में हो भाषा के लिए अलग से विभाग खुले।

हो भाषा के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति हो।

हो भाषा को डिस्टेंस लर्निग की मान्यता मिले।