रिपोर्ट के मुताबिक़ अगस्त 2009 में व्हाइट हाउस के क़रीब के एक होटल में हुए क़ानूनी सम्मेलन में परोसे गए हर मफ़िन (एक तरह का केक) पर 16 डॉलर ख़र्च किए गए जबकि एक कप कॉफ़ी आठ डॉलर से भी ज़्यादा की थी। और ये हाल तब है जब हर अमरीकी से कहा गया है कि वो अपने ख़र्च में कटौती करें। हालांकि क़ानून मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि ये फ़िज़ुलख़र्ची ऐसे समय हुई जब खाद्य और पेय पेय पदार्थों पर व्यय की कोई निश्चित सीमा तय नहीं थी।

सुझाव

सम्मेलनों पर होने वाले ख़र्च को लेकर क़ानून मंत्रालय की एक रिपोर्ट में ये सुझाव दिया गया है कि ख़र्च में कटौती की शुरुआत मफ़िन और स्नैक्स से की जा सकती है।

2007 और 2009 के बीच सम्मेलनों पर हुए ख़र्च के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मौक़ों पर मफ़िन 16 डॉलर में, बिस्कुट 10 डॉलर में और सोडा की एक कैन पांच डॉलर 57 सेंट में ख़रीदी गई।

रिपोर्ट तैयार करने वालों ने इस तरह के ग़ैर ज़रूरी ख़र्च की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे पैसे की बर्बादी और शाहख़र्ची क़रार दिया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ऐसे ख़र्च के पीछे होटलों के साथ की गई डील होती है जिसमें महंगे खाद्य और पेय पदार्थों के एवज़ में मुफ़्त में मुलाक़ात की जगह मुहैया कराई जाती है। क़ानून मंत्रालय का कहना है कि पिछले दो वर्षों में ऐसे ख़र्चों पर लगाम लगाई गई है।

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