दनकौर के थाना प्रभारी अनुज चौधरी ने बताया कि अदालत के दिशा निर्देशों के मुताबिक़ पुलिस ने पीएसी के 16 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जिसमें उनके कमांडेंट भी शामिल हैं।

गौतम बुद्धनगर ज़िला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ज्योति नारायण ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के दिशा निर्देश के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एक पीड़ित ने अदालत में मामला दर्ज किया था उसके बाद यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर पुलिस की याचिका ख़ारिज़ कर दी थी।

 

एक महिला ने एक माह पहले जिला अदालत में याचिका दायर कर रिपोर्ट दर्ज कराने की गुहार लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था.लेकिन, पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद पुलिस हाईकोर्ट चली गई।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 20 अक्तूबर को अपने फ़ैसले में पुलिस को फटकार लगाते हुए उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया था और ज़िला अदालत के फ़ैसले को उचित माना था। अदालत ने रिपोर्ट दर्ज करके उसकी एक कापी अदालत को मुहैया कराने का आदेश दिया था।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और उसकी कापी अदालत को मुहैया कराई जाएगी।

पुलिस-किसान झड़पें

इस वर्ष मई महीने में किसानों ने राज्य सरकार द्वारा ज़मीन अधीग्रहण किए जाने का विरोध किया था और उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इस झड़प के दौरान भड़की हिंसा में दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।

पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) राकेश जौली ने बताया कि सात मई को भट्टा परसौल में किसान आंदोलन के दौरान रोडवेज़ के तीन कर्मचारियों का अपहरण कर उन्हें बंधक बना लिया गया था।

जब पुलिस-प्रशासन ने रोडवेज़ कर्मचारियों को मुक्त कराने की कोशिश की तो मामला बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें दो पुलिसकर्मियों के अलावा दो किसानों की जान चली गई थी। रोडवेज़ कर्मियों को तलाशने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया था।

कॉग्रेस महासचिव राहुल गांधी 11 मई को जब अचानक भट्टा परसौल पहुंचे तब भी कथित तौर पर महिलाओं ने उनसे बलात्कार की शिकायत कही थी।

लेकिन उस समय राज्य की मायावती सरकार ने राहुल के इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया था।


 

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