-एडिशनल कमिश्नर की कार्रवाई में सामने आया बड़ा खेल

-दो के खिलाफ चालान, दो को किया गया मौके पर सीज

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PRAYAGRAJ: शहर में मरीज ढोने के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन सवारी ढो रहे हैं। यह बात दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने 21 अप्रैल 2018 के अंक में प्रकाशित स्टिंग ऑपरेशन में बताई थी। रविवार को इस बात पर एक बार फिर से मुहर लग गई, जब शहर पहुंचे एडिशनल कमिश्नर परिवहन गंगा फल ने एंबुलेंस के नाम पर अवैध तरीके से संचालित हो रहे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि शहर में कुल 182 वाहन एंबुलेंस के नाम पर आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन इनका हॉस्पिटल या मरीजों से कोई लेना-देना नहीं है। एडिशनल कमिशनर ने दो वाहनों का चालान काटा और दो वाहनों को पकड़कर सीज कर दिया।

एआरटीओ प्रवर्तन को दी जिम्मेदारी

एडिशनल कमिश्नर शनिवार को देर शाम प्रयागराज पहुंचे थे। रविवार को छुट्टी के दिन उन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। कार्रवाई के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि आरटीओ ऑफिस में व्यक्तिगत नाम से 141 और हॉस्पिटल के केयरटेकर के नाम से 41 वाहनों का रजिस्ट्रेशन है। यह सभी अवैध तरीके से एंबुलेंस के रूप में सेवाएं दे रहे हैं और इनका हॉस्पिटलों से कोई लेना देना नहीं है। एडिशनल कमिश्नर ने एम्बुलेंस के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन होने के बावजूद अन्यत्र कार्यो में सेवाएं देते हैं उनके खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने एआरटीओ प्रवर्तन रविकांत शुक्ला को सौंपी है।

नहीं सुधरे तो खुद करूंगा कैंप

एडिशनल कमिश्नर फल ने स्वीकार किया कि ऑफिस के अधिकारी रजिस्ट्रेशन करने में गलती करते हैं। इसकी जांच कराई जाएगी और कार्रवाई के लिए उसकी रिपोर्ट कमिश्नर परिवहन विभाग को भेजी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिया कि एम्बुलेंस और स्कूलों के नाम पर चलने वाले वाहनों के खिलाफ पूरा प्लान बनाकर अभियान चलाइए नहीं तो मुझे खुद तीन दिनों का कैंप करना पड़ेगा। वार्ता में एआरटीओ प्रवर्तन रविकांत शुक्ला व एआरटीओ प्रवर्तन सेकंड भूपेश गुप्ता भी मौजूद रहे।