RANCHI : रांची जिले में मात्र 2332 ऑटो को ही परमिट प्राप्त है, लेकिन सड़कों पर तकरीबन 21 हजार ऑटो धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इस वजह से सड़कों पर लगातार वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। इसका नतीजा है कि जाम से सिटी की सड़कें व चौक-चौराहे कराह रहे हैं। खास बात है कि प्रशासन भी इस बात से भली-भांति वाकिफ है यहां बिना परमिट के ही करीब 19665 हजार ऑटो चल रहे हैं। इस बाबत समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है, लेकिन फिर बिना परमिट वाले ऑटो सड़कों पर उतर आते हैं। मालूम हो कि लंबे समय से ऑटो को परमिट देने का काम बंद है।

रोड पर बढ़ रहा बोझ

राजधानी में ऑटो चालक गलत तरीके से सड़क पर ऑटो चला रहे हैं, इधर, बिना परमिट ऑटो चलने से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का घाटा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर ऑटो का लोड बढ़ने से जाम लग रहा है। आम लोग प्रतिदिन परेशानी झेल रहे हैं.चालक बीच सड़क पर जहां-तहां ऑटो रोक कर सवारी चढ़ाते-उतारते हैं.यह भी जाम का कारण है।

2012 से लगी है परमिट पर रोक

शहर में सुगम यातायात के लिए 2012 में कोर्ट ने परमिट जारी करने पर रोक लगाई है। महासंघ ने मांग किया है कि 22 हजार ऑटो में से सिर्फ 2335 को ही परमिट मिला है। अगर अन्य ऑटो को भी परमिट मिल जाए तो सरकार को सालाना करोड़ों का राजस्व मिलेगा और भ्रष्टाचार भी रुकेगा।

2004 के बाद नही मिला है परमिट

साल 2004 से पहले तक राजधानी में चलने वाले ऑटो को कमिश्नर ऑफिस के पास से 16 किमी के रेडियस में चलने की अनुमति दी गई थी। 2004 के बाद शहरी क्षेत्र में एक भी ऑटो को परमिट नहीं दिया गया। 2010 में लॉटरी से कुछ ऑटो को परमिट दिया गया, लेकिन वे सभी ग्रामीण क्षेत्र के ऑटो मालिकों को दिया गया, 2008 में रांची में ऑटो की संख्या 10 हजार थी, जो 2010 में 16 हजार हो गई, यह आंकड़ा इस साल बढ़कर करीब 22 हजार हो गया।