2016 से बिना टेंडर के चल रहे 65 पब्लिक टॉयलेट, निगम कर्मियों की मिलीभगत से हो रहा गबन
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PATNA : पटना में टॉयलेट के नाम पर हर साल लगभग 2 करोड़ रुपए का घोटाला हो रहा है। नगर निगम द्वारा शहर में 76 पब्लिक टॉयलेट बनवाए गए हैं। वर्ष 2017 में मात्र 11 का ही टेंडर हुआ। टेंडर से निगम को 30 लाख रुपए मिले। बाकी 65 टॉयलेट बिना टेंडर के ही संचालित हो रहे हैं। हर साल इन पब्लिक टॉयलेट से 2 करोड़ से अधिक रुपए की कमाई हो रही है। यह राशि किसकी जेब में जा रही है, इसे कौन वसूलता है, इसकी जानकारी न तो नगर निगम के पास है और न ही प्रशासन के पास।
दो साल से नहीं हुआ टेंडर
पटना नगर निगम एरिया में पब्लिक यूज के लिए 76 टॉयलेट का निर्माण किया गया है। वर्ष 2016 तक एक वर्ष के लिए इसका टेंडर किया गया था। लेकिन पिछले 2 साल से 3 अंचलों के 65 टॉयलेट का टेंडर नहीं किया गया। फिर यह भी पब्लिक टॉयलेट संचालित हो रहे हैं।
कोई नहीं जानता वो कौन है
65 शौचालय कागजों में नगर निगम के अधीन चलाए जा रहे हैं। जब डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि हर पब्लिक टॉयलेट पर एक कर्मचारी नियुक्त है। इसे हर महीने 6000 रुपए वेतन मिलता है। वह हर दिन 600 रुपए किसी व्यक्ति को देता है।
ठेका खत्म फिर भी वसूली
बोरिंग कैनाल रोड के सब्जी मार्केट में बने पब्लिक टॉयलेट पर मिले महेश ने खोले राज।
रिपोर्टर-आप कौन हैं भइया?
कर्मचारी-हम निगम के कर्मचारी हैं।
रिपोर्टर- निगम के किस अंचल में पदस्थ हैं।
कर्मचारी- नहीं, हमें जिसने रखा है वह निगम में कार्यरत है।
रिपोर्टर-आप अपना नाम बताएं।
कर्मचारी-मेरा नाम महेश सिंह है। मैं गौरीचक का रहने वाला हूं।
रिपोर्टर-आप यहां किस आधार पर पैसा वसूल रहे हैं।
कर्मचारी-मैं पहले ठेके पर टॉयलेट का पैसा वसूलता था। 2 साल से ठेका नहीं हुआ। लेकिन ठेकेदार संजय सिंह और विजय सिंह ने हमें यहां पैसा वसूलने के लिए रखा हुआ है। हर रोज हमसे एक व्यक्ति 600 रुपए वसूल कर ले जाता है।
हर दिन 600 रुपए देते हैं
अमरनाथ पथ पर बने पब्लिक टॉयलेट में संजय कुमार मिले। इस पब्लिक टायलेट में ही उन्होंने अपना घर तक बना लिया है।
रिपोर्टर-भाई साहब आपका क्या नाम है?
युवक-संजय कुमार।
रिपोर्टर-कहां के रहने वाले हैं?
युवक-बेगूसराय के रहने वाले हैं।
रिपोर्टर- पैसा कौन ले जाता है?
युवक-हमको 6 हजार वेतन पर रखा गया है। रजिस्टर मैंटेन नहीं होता है। हमसे 3 साल से अर्जुन सिंह नाम का एक व्यक्ति हर रोज आकर 600 रुपए वसूल कर ले जा रहे हैं। वो किसे देते हैं, हमें नहीं पता।
एक ऑटो चालक ले जाता है पैसे
राजापुर पुल के पास पान दुकानदार वसूल रहा पब्लिक टॉयलेट का पैसा।
रिपोर्टर- शौचालय में जाने का कितना पैसा लगेगा?
दुकानदार- 6 रुपए देना होगा।
रिपोर्टर- यह किसका शौचालय है।
दुकानदार-आपको इससे क्या काम है।
रिपोर्टर-वैसे यह तो निगम का पब्लिक टॉयलेट है।
दुकानदार - हां। इसके कर्मचारी केवलजी कहीं गए हैं। इसलिए मैं पैसा ले रहा हूं।
फोन पर केवल जी से बात की।
रिपोर्टर-आपको कितना वेतन मिलता है।
केवलजी- हमको 6 हजार रुपए वेतन पर रखा गया है।
रिपोर्टर- पैसा कौन ले जाता है।
केवलजी- रोज शाम को एक ऑटो चालक आता है और हमसे 250 ले जाता है।
रिपोर्टर- यह ड्राइवर कौन है। रजिस्टर मैंटेन होता है क्या।
केवलजी- हमें मालूम नहीं। वह खुद को मुंशी का आदमी बताता है।
शौचालय में अनियमिता की शिकायत की जांच की जाएगी। गड़बड़ी पाने पर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
हर्षिता कुमारी, जन संपर्क अधिकारी पटना नगर निगम