सिविल लाइंस स्थित एक शो रूम में एडीए ने की चार घंटे की सीलिंग शोरूम उद्घाटन के दिन हुई कार्रवाई से एडीए पर उठ रहे सवाल allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: नक्शा पास कराए बगैर या फिर नक्शे के विपरीत बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का एडीए अधिकारियों ने नया तरीका अपना लिया है। नियम विरूद्ध बिल्डिंग का निर्माण होने दिया जा रहा है, वहीं जिस दिन बिल्डिंग में बिजनेस एक्टिविटी का उद्घाटन होना है, उसी दिन बिल्डिंग को सील कर दिया जा रहा है। बुधवार को एडीए के जोन वन सिविल लाइंस के जेई ने कुछ ऐसा ही किया। बंट गए थे इनविटेशन, सील हो गई बिल्डिंग हॉट स्टफ चौराहे से पृथ्वी गार्डेन की तरफ आने वाली रोड पर स्थित एक बिल्डिंग में बुधवार को कपड़े के शो रूम का उद्घाटन होना था। इसके लिए पूरी तैयारी के साथ ही इनविटेशन कार्ड भी बांटा जा चुका था। उद्घाटन की तैयारी चल रही थी, तभी बुधवार की सुबह करीब दस बजे एडीए के जेई राजीव अग्रवाल के नेतृत्व में टीम शो रूम के बाहर पहुंची। नक्शा पास कराए बगैर बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन किए जाने का आरोप लगाते हुए जेई ने बिल्डिंग को सील कर दिया। साथ ही एक बैनर लगा दिया। जिसमें लिखा था कि अनाधिकृत होने के कारण यह निर्माण सील किया गया है। इस निर्माण में सील को तोड़ना, पुन: निर्माण की कोशिश तथा किसी प्रकार का क्रय विक्रय करना दंडनीय अपराध है। मची खलबली, घनघनाए मंत्रियों के फोन उद्घाटन के दिन बिल्डिंग का शटर सील किए जाने से खलबली मच गई। प्रदेश सरकार के मंत्रियों तक कॉल किया गया। भवन स्वामी ने एडीए कार्यालय पहुंच कर गुहार लगाई। इसके बाद अवैध निर्माण के आरोप में 20 लाख रुपया समन शुल्क वसूला गया। जोन वन के जोनल अधिकारी सुशील कुमार चौबे से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अवकाश पर हूं। इस तरह की कार्रवाई की जानकारी नहीं है। एडीए वीसी ने कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में जेई ने कार्रवाई की होगी। एडीए की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। बिल्डिंग का कॉमर्शियल नक्शा पास कराया गया है। पास नक्शा से ज्यादा कुछ कंस्ट्रक्शन हो गया था। इसके लिए कम्पाउंडिंग शुल्क जमा किया गया है। इसके बाद भी एडीए के अधिकारियों ने बगैर किसी नोटिस के बिल्डिंग को सील कर दिया, जो पूरी तरह से गलत है। पवन गुरनानी भवन स्वामी पवन गुरनानी की बिल्डिंग का नक्शा लंबित था। अधिकारियों के आदेश पर बुधवार की सुबह बिल्डिंग को सील किया गया। इसके बाद भवन स्वामी ने समन शुल्क के रूप में 20 लाख रुपये का आरटीजीएस कर दिया। समन शुल्क मिलने के बाद सील खोल दिया गया। राजीव अग्रवाल जेई, जोन-1 एडीए