- आरोपितों को जेल भेजे जाने तक भटनी में डेरा डाले रही एसटीएफ की टीम

- एसटीएफ प्रभारी की तहरीर पर धोखाधड़ी और सामूहिक नकल का मुकदमा दर्ज

GORAKHPUR: सामूहिक नकल कराने के मामले में भटनी पुलिस ने दोनों कॉलेजेज से पकड़े गए बीस अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। भटनी के राम गुलाम राय पीजी कॉलेज बनकटा शिव सल्लहपुर और बहादुर यादव मेमोरियल पीजी कॉलेज भटनी में प्रिंसिपल और कर्मचारियों के साथ सॉल्वर्स को एसटीएफ की टीम ने प्रशासन और पुलिस के सहयोग से रंगे हाथों पकड़ा था। सुबह करीब सवा नौ बजे हुई अलग-अलग कार्रवाई में दोनों जगह पर ही कैंडिडेट्स सामूहिक नकल करते हुए मिले थे। इसमें बहादुर यादव मेमोरियल पीजी कालेज भटनी के 11 और राम गुलाम राय पीजी कालेज से नौ लोग शामिल हैं।

रात में हुई है पूछताछ

टीम ने शिक्षकों, कर्मचारियों व कॉलेज के प्रिंसिपल्स को गिरफ्तार कर देर रात तक एसडीएम भाटपार रानी और सलेमपुर के तहसीलदार की मौजूदगी में पूछताछ की। इस दौरान दोनों प्रिंसिपल ने नकल कराने की बात एक्सेप्ट कर ली। टीम ने राम गुलाम राय पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। राजेश्वर शाही, हरिकेश कुमार कुशवाहा, वशिष्ठ कुशवाहा, अभिषेक मिश्र, सुमित मिश्रा, दीपक उपाध्याय, अवधेश राजभर, संतोष कुमार प्रजापति, कृष्ण दयाल सिंह और वहीं बहादुर यादव पीजी कालेज के प्रिंसिपल डॉ। बृजेश कुमार यादव, डॉ। विनोद कुमार यादव, विवेकानंद राव, हरी मिश्रा, मनीष कुमार, श्याम दास पंडित, प्रवीण कुमार दीक्षित, अजय कुमार, राकेश कुमार तिवारी, दिलीप यादव तथा मिथिलेश यादव के खिलाफ भटनी थाने में तहरीर दी। एसटीएफ प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह की तहरीर पर भटनी पुलिस ने धारा 419, 420 व उत्तर प्रदेश सामूहिक नकल 10 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया।

खंगाला गया है पुराना डाटा

एसटीएफ की छापेमारी में देवरिया के दो कॉलेजों में हुए नकल के भंडाफोड़ के बाद अब परत दर परत खुलने लगी है। जल्द एसटीएफ इस मामले में कई और लोगों से पूछताछ कर सकती है। आरोपी कॉलेजों पर छापेमारी से पहले एसटीएफ ने भटनी ब्लॉक के सभी कॉलेजों के पिछले पांच सालों के साइंस का रिजल्ट निकलवाकर उसे वेरिफाई किया था। सोर्सेज की मानें तो जांच में रामगुलाम राय महाविद्यालय और बहादुर यादव महाविद्यालय कॉलेजों के साइंस का रिजल्ट हर साल 90 फीसदी से ज्यादा रहा, जबकि आ‌र्ट्स के रिजल्ट सेंट परसेंट मिले। वहीं भटनी ब्लॉक के बाहर मौजूद कॉलेजेज के रिजल्ट इनकी अपेक्षा काफी कम रहे हैं।

पहले तैयार की स्ट्रैटजी

एसटीएफ ने जब इस पहलू को ध्यान में रखकर तफ्तीश शुरू की, तो इसी वर्ष मार्च में दोनों कॉलेजों में सामूहिक नकल का मामले की जानकारी हुई। आसपास के लोगों से भी कॉलेज प्रबंधन के रसूखदारों की जानकारी मिली। इसके बाद एसटीएफ ने आरोपियों को रंगे हाथ दबोचने के लिए साइंस की परीक्षा के दौरान ही सेंटर पर छापेमारी का प्लान तैयार किया। इसका रिजल्ट सभी के समाने है, एसटीएफ की छापेमारी काफी सफल रही और टीम ने भारी मात्रा में नकल सामग्री बरामद की। साथ ही नकल कराने की कोशिश में लगे शातिरों के मंसूबे पर पानी फेरते हुए 20 लोगों को धर दबोचा।