रिसेशन का असर नोबेल प्राइज पर भी पड़ा है। प्राइज देने वाली ऑग्रेनाइजेशन नोबेल  फाउंडेशन ने प्राइज मनी में 20 परसेंट की कटौती करने का डिसीजन किया है। फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की  मंडे को हुई मीटिंग में यह डिसीजन लिया गया। इसके मुताबिक नोबेल विनर्स को पुरस्कारस्वरूप दी जाने वाली राशि एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 7.9 करोड़ रुपये) से घटाकर 80 लाख क्रोनर (करीब 6.32 करोड़ रुपये) कर दी गई है।

स्टॉकहोम स्थित नोबेल फाउंडेशन मेडिकल, फिजिक्स, कमेस्ट्री, लिट्रेचर, इकोनॉमिक्स और पीस की फील्ड में नोबेल प्राइज देता है। डायनामाइट के इंवेंटर अलफ्रेड बर्नाड द्वारा छोड़ी गई वसीयत के पैसे में से ही यह प्राइज प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को दिया जाता है। इस फाउंडेशन को 1900 में स्टैबलिश किया गया था और 1901 से यह प्राइज दिया जाने लगा।

फाउंडेशन के चीफ लार्स हीकेंसटेन ने कहा,‘हमारे पास लंबे समय तक पूंजी की कमी न हो और आगे पुरस्कार देने में कोई दिक्कत नहीं आए इसलिए यह निर्णय लिया गया है। 2001 से प्राइज विनर्स को एक करोड़ क्रोनर (करीब 7.9 करोड़ रुपये) की प्राइज मनी दी जा रही थी। फाउंडेशन ने नोबेल प्राइज से रिलेटेड आयोजनों के खर्च में भी कटौती की घोषणा की है। इस बार म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता Aung San Suu Kyi सेटरडे  को ओस्लो में यह प्राइज लेंगी। सू की को 1991 में नोबेल पीस प्राइज देने की घोषणा की गई थी, लेकिन हाउस अरेस्ट होने के कारण वह यह सम्मान नहीं ले पाई थीं।

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