- मनरेगा के तहत पिरूल एकत्रीकरण का प्रस्ताव केंद्र को भेजेगी सरकार

- सीएम ने हर अधिकारी को दिए 2 कुपोषित बच्चों को गोद लेने के निर्देश

देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशानुसार मनरेगा के तहत पिरूल एकत्रीकरण (पर्वतीय क्षेत्रों में चीड़ की सूखी पत्तियां) कार्य को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं राज्य में मनरेगा के तहत सुगंधित पौधों के उत्पादन व ऐरोमेटिक क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा राज्य के करीब 20,000 कुपोषित बच्चों की माताओं को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन से जोड़ा जाएगा। सीएम ने अधिकारियों से अपील की कि हर अधिकारी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम के तहत 2-2 कुपोषित बच्चों को गोद लें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुपोषित बच्चों के परिवारों की भोजन की आदतों, आर्थिक, सामाजिक पृष्ठभूमि का विस्तृत अध्ययन किया जाए। सीएम ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य रोजगार गांरटी परिषद (ममÙेरगा) के कार्यों की समीक्षा के दौरान सभी जिलों के सीडीओ को निर्देश दिए की मनेरगा के तहत वर्मी कम्पोस्ट के साथ ही शिवांश खाद के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाए।

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-शिवांश खाद निर्माण व उपयोग राज्य के 15 चिन्हित ऑर्गेनिक ब्लॉकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा।

-हरिद्वार करतारपुर गांव में देशी गाय के संरक्षण व संवर्धन के साथ यहां के दूध की मार्केटिंग व आपूर्ति दिल्ली तक होगी।

-अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के सफल मॉडल को हर जिले में अपनाया जाएगा।

-हर जिले में कोसी मॉडल के आधार पर दो से तीन नदियों को पुनर्जीवीकृत किया जाएगा।

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पशुओं का जीवनस्तर भी सुधरे

सीएम ने निर्देश दिए कि गौशालाओं या पशु गृहों को भी सुविधाजनक व आरामदायक बनाए जाने पर कार्य किया जाय। जिससे पशुओं के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार हो पाए। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की वन पंचायतें सुगंधित पौधों व अन्य जड़ी बूटियों के उत्पादन के साथ ही किस प्रकार अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस कार्ययोजना पर कार्य करने की जरूरत है।

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मनरेगा में मत्स्य पालन पर जोर

सीएम ने कहा कि मनरेगा के तहत पिथौरागढ़, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग में मत्स्य पालन में ट्राउट मछली पालन पर विशेष फोकस हो। इसी के तहत उद्यान विभाग द्वारा अखरोट के क्लस्टर विकसित करने पर फोकस हो। राज्य में ग्रामीण हाट कल्चर तेजी से विकसित हो रहा है। ग्रामीण हाट बनाने के लिए भूमि की व्यवस्था हो और ग्रामीण हाट बनाए जाएं।

::सीएम ने दिए निर्देश::

-ग्राम प्रधान व अन्य जन प्रतिनिधियों की मनरेगा के तहत समय पर भुगतान न होने की शिकायतों को प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को निर्देश।

-मनरेगा कार्यो के सोशल ऑडिट को और अधिक पारदर्शी व सृदृढ बनाया जाए।

-मनरेगा के तहत भूमि उत्पादकता में सुधार, बंजर भूमि के विकास, पशुबाड़ा निर्माण, उद्यानीकरण व रेशम पर हो फोकस।

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सिक्योर सॉफ्टवेयर का शुभारंभ

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मनरेगा के तहत बनाए जाने वाले एस्टीमेट्स में एकरूपता व त्रुटिहीनता सुनिश्चित करने के लिए सिक्योर सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। इसकी शुरुआत दून जिले से की गई है, जो आगामी 15 जनवरी तक सभी जनपदों में लागू हो जाएगा।