ये मामला 3 जुलाई 2009 का है जब एक चौकी प्रभारी की सर्विस रिवाल्वर लूटने के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने रणवीर नाम के युवक को मार गिराने का दावा किया था और उनके दो साथी फरार बताए थे.

दरअसल रणवीर बागपत के एक छात्र थे जो अपने दोस्तों को साथ देहरादून घूमने गए थे.

रणवीर की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनके शरीर पर चोट के 28 निशान थे और उन्हें 22 गोलियां मारी गई थीं.

सरकार ने इस मामले में अभिुयक्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ़ हत्या और अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए थे.

बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.

इस मामले में उत्तराखंड पुलिस के 18 पुलिसकर्मी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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